अगर आप चेक से भुगतान करने जा रहे हैं तो यह खबर आपके काम आ सकती है। दरअसल, रिजर्व बैंक ने पिछले साल 1 जनवरी 2021 से पॉजिटिव पे सिस्टम लागू किया था।
बैंकिंग चेक नियम: अगर आप चेक से भुगतान करने जा रहे हैं तो यह खबर आपके काम आ सकती है। दरअसल, रिजर्व बैंक ने पिछले साल 1 जनवरी 2021 से पॉजिटिव पे सिस्टम लागू किया था। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने के लिए 2020 में चेक के लिए एक ‘सकारात्मक भुगतान प्रणाली’ शुरू करने का निर्णय लिया था, जिसके लिए 50,000 रुपये से अधिक के भुगतान के लिए कुछ महत्वपूर्ण विवरणों की आवश्यकता हो सकती है। अब धीरे-धीरे सभी बैंक अपनी सुविधानुसार इसे लागू कर रहे हैं। अब कल 4 अप्रैल से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पीपीएस नियम लागू करने जा रहा है।Read Also:-Corona’s New Variant XE : कोरोना के नए सब-वेरियंट XE से दुनिया दहशत में का माहौल, जानिए भारत में इसका कितना असर होगा
पीएनबी ने कहा है कि 4 अप्रैल 2022 से सकारात्मक वेतन प्रणाली अनिवार्य होगी। यदि ग्राहक बैंक शाखा या डिजिटल चैनल के माध्यम से ₹10 लाख और उससे अधिक के चेक जारी करते हैं तो सकारात्मक भुगतान प्रणाली की पुष्टि अनिवार्य होगी। ग्राहकों को अकाउंट नंबर, चेक नंबर, चेक अल्फा, चेक डेट, चेक अमाउंट और लाभार्थी का नाम देना होगा।
ये नियम SBI, BoB सहित बैंकों में लागू हैं
इससे पहले SBI, BoB, BOI, Axis Bank, HDFC Bank, ICICI Bank और अन्य बैंकों ने इस सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है। आइए जानते हैं कि किस बैंक में कितने चेक पर पॉजिटिव पे सिस्टम लागू किया जा रहा है।
- एसबीआई: भारतीय स्टेट बैंक ने 1 जनवरी, 2021 से चेक भुगतान के लिए एक नई प्रणाली लागू की है। एसबीआई ने इसे 50,000 रुपये से अधिक के चेक भुगतान के लिए लागू किया है यानी यदि आप पचास हजार से अधिक की जांच करते हैं तो आपको फिर से पुष्टि करने की आवश्यकता होगी।
- BoB: चेक क्लीयरेंस (पॉजिटिव पे कन्फर्मेशन) से संबंधित बैंक ऑफ बड़ौदा के नियम 1 फरवरी से प्रभावी हैं। BoB का यह नियम 10 लाख रुपये या उससे अधिक के चेक पर लागू होता है।
- बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई): बैंक ऑफ इंडिया के चेक से संबंधित ये नियम 1 जनवरी, 2021 से प्रभावी हैं। 50,000/- रुपये और उससे अधिक के चेक क्लीयरेंस के लिए बीओआई में पुष्टि अनिवार्य है। ग्राहक को ड्रॉअर अकाउंट नंबर, चेक नंबर, चेक की तारीख, राशि और प्राप्तकर्ता का नाम सहित विवरण प्रदान करना होगा।
सकारात्मक वेतन प्रणाली कैसे काम करती है?
इस सिस्टम के जरिए एसएमएस, मोबाइल एप, इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम के जरिए चेक की जानकारी दी जा सकती है। चेक का भुगतान करने से पहले इन विवरणों का पुन: सत्यापन किया जाएगा। यदि इसमें कोई विसंगति पाई जाती है तो बैंक चेक को अस्वीकार कर देगा। यहां यदि दो बैंकों का मामला है यानी जिस बैंक का चेक काटा गया है और जिस बैंक में चेक डाला गया है, तो दोनों को इस बारे में सूचित किया जाएगा।
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