दिल्ली में बड़ा हादसा : कचरे के पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूटकर गिरा, मलबे में दबे कई घर; राहत कार्य जारी

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दिल्ली में बड़ा हादसा : कचरे के पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूटकर गिरा, मलबे में दबे कई घर; राहत कार्य जारी

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां भलस्वा डंपिंग साइट (Bhalswa Dumping Site) का एक हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया है। कूड़े के इस पहाड़ के टूटने से आसपास बने कई झुग्गीनुमा मकान इसके मलबे में दब गए हैं। सूचना के बाद स्थानीय थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। फिलहाल मलबा हटाकर लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। लोगों को घर से बाहर सीढ़ियों के माध्यम से निकाल लिया गया है। अभी तक हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है।Also read:-भारत में कोरोना: थर्ड वेव की अधूरी तैयारियों पर केंद्र को चेतावनी, अक्टूबर में पीक होगा; बच्चों को होगा सबसे ज्यादा खतरा

पंजाब

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार सुबह जहांगीर पुरी के भलस्वा डंपिंग साइट का एक बड़ा हिस्सा उसके नीचे बसी झुग्गियों पर गिर गया। जिसके बाद वहां अफरा तफरी मच गई। इस हादसे में कई गाड़ियां और घर क्षतिग्रस्त हो गए।  इस डंपिंग साइट के पास में झुग्गीनुमा घर बने हुए हैं। बताया गया कि यहां काफी लोग इन घरों में रहते हैं, अचानक से मलबा गिरने से लोगों के घरों के दरवाजे तक बंद हो गए।

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लोगों को छतों के ऊपर से किया गया रेस्‍क्‍यू

ऐसे में लोगों को सीढ़ियों के द्वारा छतों के ऊपर से निकाला गया। गनीमत रही कि इसमें कोई घायल नहीं हुआ। भलस्वा लैंडफिल साइट के पास श्रद्धानंद कॉलोनी की झुग्गियों की तरफ ये मलबा गिरा है। फिलहाल प्रशासन द्वारा यहां मलबा हटाने का काम जारी है। बारिश के दौरान पूरी डंपिंग साइट दलदल हो गई है। साथ ही और भी ज्यादा इस डंपिंग साइट का हिस्सा गिरने का डर बना हुआ है।

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गाजीपुर लैंडफिल साइट भी बड़ी समस्‍या

दिल्ली में सबसे कचरे के लिए सबसे बड़ी लैंडफिल साइट (कचरे का पहाड़) गाजीपुर में है। लैंडफिल की लगातार बढ़ती ऊंचाई को देखते हुए पिछले साल सितंबर के महीने में दिल्‍ली नगर निगम ने यहां ट्रोमिल मशीनें लगाई थीं। गाजीपुर में डपिंग साइट पर ये मशीनें हर दिन करीब 2400 मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस करती हैं, जिससे मिट्टी बनाई जाती है। बाकी बचे हुए कूड़े को वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भेज दिया जाता है। डपिंग साइट को लेकर हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कहा था कि ठोस अपशिष्ट अब भी एक गंभीर समस्या है और अब वक्त आ गया है कि ऐसे स्थलों को साफ किया जाए और एकत्र ठोस कूड़े का निस्तारण वैज्ञानिक ढंग से किया जाए।

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