मेरठ में इनकम टैक्स की बड़ी कार्रवाई: 25 करोड़ की पुरानी करेंसी रखने पर बिल्डर पर 200 करोड़ जुर्माना

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8 नवंबर 2016 को एक हजार और पांच सौ के पुराने नोट चलन से बाहर कर दिए थे, पुराने नोटों को बदलने के लिए 31 मार्च 2017 तक का समय दिया गया था, लेकिन नेपाल में इसके बाद भी भारत की करेंसी का चलन था। जिसके चलते बिल्डर संजीव मित्तल ने 25 करोड़ की यह पुरानी करेंसी जुटाई थी।old note

उत्तरप्रदेश के मेरठ में 25 करोड़ रुपये की पुरानी करेंसी रखने के मामले में आयकर विभाग ने एक बिल्डर पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। मेरठ पुलिस ने दिसंबर 2017 में परतपुर क्षेत्र के राजकमल एनक्लेव में रहने वाले बिल्डर संजीव मित्तल के घर छापा मारकर 25 करोड़ रुपये की पुरानी करेंसी बरामद की थी। पुलिस का कहना है कि इस करेंसी को नई करेंसी में बदलने के लिए बिल्डर ने जुटाया था और वह इसे दिल्ली और नेपाल भेजने की फिराक में था।

 

 नेपाल भेजी जानी थी पुरानी करेंसी

दरअसल भारत सरकार ने 8 नवंबर 2016 को एक हजार और पांच सौ के पुराने नोट चलन से बाहर कर दिए थे, पुराने नोटों को बदलने के लिए 31 मार्च 2017 तक का समय दिया गया था, लेकिन नेपाल में इसके बाद भी भारत की करेंसी का चलन था। जिसके चलते बिल्डर संजीव मित्तल ने 25 करोड़ की यह पुरानी करेंसी जुटाई थी। पुलिस के मुताबिक बिल्डर इस रकम को दिल्ली और नेपाल भेजने वाला था। कुछ रकम एनजीओ संचालक के माध्यम से दिल्ली, जबकि कुछ रकम नेपाल में बदली जानी थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने 29 दिसंबर 2017 को संजीव मित्तल के आवास पर छापेमारी कर यह पुरानी करेंसी बरामद कर ली थी, जो आज भी परतापुर थाने के मालखाने में रखी है।

पुलिस नहीं पकड़ पाई प्रवीण को

परतापुर थाने ने इस मामले में दर्ज मुकदमें में संजीव मित्तल, दलाल नरेश अग्रवाल समेत संजीव मित्तल के तीन कर्मियों अरुण, यागेंद्र व विनोद समेत दिल्ली के कड़कड़डूमा निवासी एनजीओ संचालक प्रवीण माहेश्वरी को भी आरोपी बनाया था। नरेश, विनोद, अरुण और योगेंद्र को गिरफ्तार किया था, जबकि संजीव सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आया था। बाद में पुलिस ने चार्जशीट लगा दी थी, लेकिन संजीव ने इस चार्जशीट को क्वैश कराने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दे रखी है, लेकिन इस पर अभी फैसला नहीं आया है। उधर पुलिस आजतक न तो  तक प्रवीण का पता पुलिस नहीं लगा पाई न ही नेपाल का लिंक तलाश पाई।

 आयकर विभाग और ईडी कर रहे जांच

इस मामले में आयकर विभाग और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की ओर से जांच चल रही है। जांच में संजीव मित्तल की कई कंपनियों और बाकी प्रॉपर्टी की कीमत करोड़ों में आंकी गई और संजीव मित्तल पर आयकर विभाग ने 42.19 करोड़ का जुर्माना लगाया है। हालांकि ईडी की तरफ से अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब संजीव मित्तल की ओर से अपील की तैयारी की जा रही है।

अलग अलग बार मे लगाया जुर्माना

उधर संजीव मित्तल के वकील और मेरठ बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री राम कुमार शर्मा का दावा है कि आयकर विभाग अलग-अलग बार में जुर्माना लगा रहा है। अभी तक संजीव मित्तल पर 200 करोड रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। रामकुमार शर्मा का कहना है कि वह न्यायालय की शरण ले रहे हैं। उधर संजीव का कहना है कि नोटिस को लेकर कानपुर में इनकम टैक्स अधिकारियों के सामने अपील करेंगे। अभी जो भी कार्रवाई हुई है, इस संबंध में विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं।

 

 

 

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