हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने की पूर्णिमा बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था! इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और इसी दिन उनका महानिर्वाण भी हुआ।
भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है. देश भर में आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध अनुयायियों के साथ-साथ हिंदुओं के लिये भी खास पर्व है. हिन्दू धर्म में गौतम बुद्ध को भगवान श्री विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है. इतिहासकारों के अनुसार बुद्ध के जीवनकाल को 563-483 ई.पू. के मध्य माना गया है. अधिकांश लोग नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान को बुद्ध का जन्म स्थान मानते हैं. गौतम बुद्ध की मृत्यु, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में हुई थी. <source: Aaj Tak>
भगवान बुद्ध ने लोगों को मध्यम मार्ग का उपदेश दिया था। इसके अलावा हमेशा लोगों को अहिंसा का रास्ता दिखाया। महात्मा बुद्ध ने अपने अनुयायियों को जीवन जीने के लिए पंचशील सिद्धांतों का अनुसरण करने का उपदेश दिया था। बुद्ध के कुछ अनमोल विचार
कहां कहां मनाई जाती है बुद्ध जयंती
भारत के साथ साथ चीन, नेपाल, सिंगापुर, वियतनाम, थाइलैंड, जापान, कंबोडिया, मलेशिया, श्रीलंका, म्यांमार, इंडोनेशिया, पाकिस्तान जैसे दुनिया के कई देशों में बुद्ध पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती मनाई जाती है. भारत के बिहार राज्य में स्थित बोद्ध गया बुद्ध के अनुयायियों सहित हिंदुओं के लिये भी पवित्र धार्मिक स्थल है
कुशीनगर में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लगभग एक माह तक मेला लगता है. हालांकि लॉकडाउन की वजह से इस साल मेले का आयोजन नहीं किया गया है.
क्या क्या हैं भगवन बुद्ध के उपदेश
- जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।
- अतीत पे ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पर केन्द्रित करो।
- अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करें. दूसरों पर निर्भर ना रहे।
- स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा संबंध है।
- हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाए।