
अगर आप अपंजीकृत डिजिटल लोन ऐप के जाल में फंसते हैं तो तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क करें। केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लोगों को यह सलाह दी है। इसके साथ ही शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय रिजर्व बैंक पंजीकृत संस्थाओं के खिलाफ ही कार्रवाई करेगा। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक, ज्यादातर डिजिटल लेंडिंग ऐप्स सेंट्रल बैंक में रजिस्टर्ड नहीं हैं। उन्होंने बताया कि आरबीआई की वेबसाइट में रजिस्टर्ड ऐप्स की लिस्ट है।Read Also:-काम की खबर : अब पेमेंट के लिए यूपीआई (UPI) से जुड़ सकेंगे क्रेडिट कार्ड, लेकिन कैसे, समझें नई सुविधा के बारे में सब कुछ
पुलिस से शिकायत करने की सलाह
उन्होंने कहा, जब भी किसी ग्राहक से ऐसी शिकायत प्राप्त होती है, तो केंद्रीय बैंक ऐसे अपंजीकृत ऐप के ग्राहकों को स्थानीय पुलिस से संपर्क करने का निर्देश देता है। स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करेगी। कई राज्यों में, पुलिस ने कानून के प्रावधानों के अनुसार गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है।
हाल के दिनों में अपंजीकृत एजेंटों या ऋण देने वाले ऐप के अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न के कारण आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं। वास्तव में, एक उधारकर्ता ऋण लेने के समय फोन के संपर्क विवरण आदि साझा करने के लिए सहमत होता है।

इसका फायदा उठाकर एजेंट या उधार देने वाले ऐप्स कर्जदार को उसके या उसके परिचित के सामने तरह-तरह से बदनाम करते हैं। आपको बता दें कि कोरोना काल में इस तरह के एप को लेकर काफी शिकायतें आई हैं। इसको लेकर आरबीआई एक स्टडी भी कर रहा है और आने वाले दिनों में केंद्रीय बैंक इस मामले में दिशा-निर्देश या निर्देश जारी करेगा।

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