राजभवन से हरी झंडी के बाद चौधरी चरण सिंह विवि कैंपस अगले सत्र तक पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दौड़ेगा। ऑनलाइन एडमिशन और परीक्षा फॉर्म से आगे जाते हुए विवि का फोकस अब स्टूडेंट और कॉलेजों से जुड़ी प्रक्रिया को डिजिटल मोड में बदलने का है। अगले कुछ महीनों में संबद्धता की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी।
प्रोग्रामर की नियुक्ति के बाद छात्र-छात्राओं के प्रवेश से जुड़ी प्रक्रिया को भी कैंपस मे तैयार करेगा। ऑनलाइन आरटीआई, स्क्रूटनी, चैलेंज स्क्रूटनी और संशोधन जैसे विकल्पों को विवि ऑनलाइन प्रक्रिया में बदलेगा। इनमें से विवि कुछ हिस्सों में ऑनलाइन काम भी शुरू कर चुका है।
इन पर होगा काम
संबद्धता के आवेदन से आगे की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन।
ऑनलाइन आरटीआई, इसका सॉफ्टवेयर तैयार, शुरू होना बाकी।
चैलेंज स्क्रूटनी और स्क्रूटनी के लिए ऑनलाइन आवेदन।
स्टूडेंट हेल्प डेस्क में सुधार। फिलहाल जारी, लेकिन सौ फीसदी निस्तारण नहीं।
कैंपस पहुंचने वाले छात्रों की समस्याओं का तत्काल समाधान।
परीक्षा, गोपनीय और कंप्यूटर सेंटर होंगे लिंक।
कर्मचारियों की ट्रेनिंग, प्रत्येक पटल पर ऑनलाइन काम।
यह हो सकते हैं बदलाव
1965 से अब तक के छात्रों के रिकॉर्ड सहित अन्य सभी डॉक्यूमेंट डिजिटलाइज्ड।
गोपनीय, परीक्षा और प्रोफेशनल सेल का कंप्यूटर से कनेक्टिविटी।
घर बैठकर आवेदन और उसके निस्तारण की ट्रेकिंग सुविधा।
कैंपस में डाटा सेंटर। प्रवेश से परीक्षा तक विवि का अपना सॉफ्टवेयर।
रिजल्ट को और डिजिटल फॉर्मेट में लाना। अभी केवल ऑनलाइन रिजल्ट ही जारी।
मार्कशीट और डिग्री का ऑनलाइन सत्यापन।
कार्यपरिषद, विद्वत परिषद सहित समस्त बैठकों के निर्णय ऑनलाइन।