मेरठ 19 अप्रैल (प्र)। अपर नगर आयुक्त द्वारा नगर निगम में कार्यरत चार लिपिकों का तबादला कर दिया गया. लिपिक के तबादले की जानकारी 18 अप्रैल को तब हुई जब उसे तबादला आदेश की रसीद दी गयी. जबकि तबादला आदेश जारी कर दिया गया है। 6 अप्रैल को ट्रांसफर होना दिखाया गया है।
लिपिकों का कहना है कि आचार संहिता लगने के बाद उनका तबादला किया गया है, यदि तबादला छह अप्रैल को किया गया था तो उस समय आदेश की प्रति उन्हें क्यों नहीं मिली. फिलहाल नगर निगम में चुनाव आचार संहिता के दौरान लिपिकों का तबादला चर्चा का विषय बना हुआ है.
निगम में कार्यरत 4 लिपिकों के तबादले का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद बिना चुनाव आयोग की अनुमति के नगर आयुक्त द्वारा स्वत: ही उनका तबादला कर दिया गया. आरोप है कि साफ तौर पर यह आदेश बैक डेट में दिखाया गया था, लेकिन ट्रांसफर ऑर्डर को 13 दिनों तक फाइलों में क्यों दबा कर रखा गया.
यदि उनका तबादला 13 दिन पहले 6 अप्रैल को आचार संहिता लगने से पहले हुआ था तो 13 दिन बाद क्यों मिला और यदि तबादला आचार संहिता लागू रहते हुए हुआ था तो चुनाव से अनुमति क्यों नहीं ली गई आयोग। फिलहाल मामला नगर निगम समेत महानगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लिपिक निशांत शर्मा का नजारत लिपिक द्वितीय से स्वास्थ्य विभाग में तबादला किया गया।
लिपिक वैभव वार्ष्णेय का तबादला सहायक लिपिक समिति कक्ष से नजारत लिपिक द्वितीय के पद पर किया गया है। लिपिक स्टोर कीपर का तबादला स्वास्थ्य विभाग से कंकरखेड़ा अंचल कार्यालय में किया गया है। विवेक कुमार विज्ञान लिपिक का तबादला स्टोर कीपर स्वास्थ्य के पद पर किया गया है। तबादले का आदेश अपर नगर आयुक्त ने दिया है।
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