
दुनिया में कोरोना के घटते मामलों के बीच Omicron के बदले हुए रूप ने चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमाइक्रोन बीए.2 डेल्टा वायरस से भी ज्यादा घातक हो सकता है। दुनिया के कई इलाकों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जापान में किए गए एक लैब अध्ययन का हवाला देते हुए महामारी विज्ञानी एरिक फेंग ने तीन कारण बताए हैं कि ओमिक्रोन बीए.2 को हल्के में क्यों नहीं लेना चाहिए। उनका तो यहां तक कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसे चिंता के प्रकार की श्रेणी में रखना चाहिए। यह संस्करण अब तक 74 से अधिक देशों में फैल चुका है। हर 5 में से 1 कोरोना केस इसी तरह का है।Read Also:-दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल: जानिए कब से शुरू होगी पहले चरण की रैपिड रेल सेवा
- अध्ययन के दौरान बीए.2 में ऐसे गुण देखे गए हैं जो उसे गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं।
- यह मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में काफी सक्षम है। ऐसे में ये सभी वेरिएंट BA.1 जितने ही घातक हैं।
- तीसरी खतरनाक बात यह है कि यह BA.2 वायरस गुप्त रूप से हमला करता है और इतना शातिर है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार सोट्रोविमैब भी इस पर काम नहीं करता है।
डेल्टा से तीन गुना तेज
एरिक फेंग ट्वीट्स में लिखते हैं कि BA.2 वास्तव में बुरी खबर की तरह है। जापान में हुए लैब प्रयोगों से पता चलता है कि यह बहुत तेजी से फैलता है और लोगों को डेल्टा से तीन गुना तेज बनाता है। BA.2 मारक क्षमता में डेल्टा जितना ही घातक है। इतना ही नहीं यह Omicron के BA.1 वेरिएंट के दौरान हासिल की गई इम्युनिटी को बेअसर करने में भी सक्षम है। मतलब अगर कोई ओमिक्रॉन की चपेट से उबर भी गया हो तो भी वह उसे अपना शिकार बना सकता है। यह फेफड़ों को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि BA.2 को Omicron का एक प्रकार माना जाता है लेकिन इसका जीनोम BA.1 से काफी अलग है।
WHO ने जारी की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस हफ्ते Omicron BA.2 को लेकर एक चेतावनी जारी की थी। डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि ओमिक्रोन का यह नया अवतार बहुत तेजी से फैल रहा है और अगर ओमिक्रोन की अगली लहर आती है तो यह इस वायरस के कारण होगी। हालांकि, WHO BA.2 की तीव्रता को BA.1 यानी ओमाइक्रोन की पहली लहर के समान ही बता रहा है। अमेरिका में रोग नियंत्रण और रोकथाम विभाग के निदेशक डॉ. रोशेल वालेंस्की का भी कहना है कि अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि BA.2 पिछले वायरस से ज्यादा गंभीर है, हालांकि हम नजर बनाए हुए हैं।
74 देशों में फैला नया संस्करण
डब्ल्यूएचओ कई बार कह चुका है कि ओमाइक्रोन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह डेल्टा जितना घातक न हो, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले इसके मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। कोरोना के पिछले वेरिएंट अल्फा, बीटा और डेल्टा की तुलना में ओमाइक्रोन में सबसे ज्यादा मामले हैं। दक्षिण अफ्रीका, डेनमार्क, ब्रिटेन और कई अन्य देशों में इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। Omicron संस्करण का पहली बार नवंबर 2021 में बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका में पता चला था। नया संस्करण अब तक 74 देशों में फैल चुका है।

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