कोरोना से खाकी की जंग जारी है। दूसरों को बचाने के साथ ही खुद को भी सुरक्षित रखने की जद्दोजहद है। पिछले माह थानों में कोविड डेस्क का गठन हुआ। सभी की थर्मोस्क्रीनिंग शुरू हुई। एक कदम आगे बढ़ाते हुए मेरठ पुलिस ने कर्मचारियों के ऑक्सीजन और पल्स की जांच भी शुरू की। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी थाना प्रभारी को दी। बेहतर व्यवस्था को एडीजी ने जोन में भी लागू करा दिया है। यहां पुलिसकर्मियों के तापमान, ऑक्सीजन के साथ ही पल्स के लेवल पर नजर रखी जाती है। इसकी निगरानी एडीजी राजीव सभरवाल करते हैं।
कोविड डेस्क का गठन
पुलिसकर्मियों को कोरोना से बचाने के लिए प्रदेश के सभी थानों में कोविड डेस्क का गठन किया गया। डेस्क पर तैनात पुलिसकर्मी सभी की थर्मोस्क्रीनिंग से जांच करता है। विवरण को रजिस्टर में नोट करता है। इसके बाद भी कर्मचारियों के पॉजिटिव आने पर मेरठ पुलिस ने नया प्रयोग किया। कोविड डेस्क पर ऑक्सीजन और पल्स मीटर से कर्मचारियों की जांच की जा रही है। एक सप्ताह के आंकड़ों का मिलान होता है। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी थाना प्रभारी के साथ ही सीओ की है। किसी भी कर्मचारी के तापमान, ऑक्सीजन लेवल और पल्स के आंकड़े में गड़बड़ आने पर उसे तुरंत चिकित्सक के पास भेज दिया जाता है।