कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के मुरलीपुर गांव में मामूली विवाद की सूचना पर गई पुलिस पर पीड़ित और एक अधिवक्ता को कस्टडी में मारपीट करने का आरोप है। अधिवक्ता के हाथ में फ्रेक्चर आया है। इसके विरोध में अधिवक्ता लामबंद हो गए। पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है। मामला बार एसोसिएशन तक पहुंच गया है।
ग्राम मुरलीपुर निवासी गफ्फार खान पिछले 10 साल से सिविल कोर्ट मेरठ में वकालत कर रहे हैं। गफ्फार के मुताबिक, गुरुवार रात 10 बजे पड़ोसी इमरान के घर से परिजनों के रोने-चीखने की आवाज आई। आवाज सुनकर वह मौके पर गए। अधिवक्ता का कहना है कि कुछ पुलिसकर्मी इमरान के नाबालिग बेटे को खींचकर ले जा रहे थे। उन्होंने अपना परिचय दिया और बच्चे के नाबालिग होने का हवाला दिया।
गफ्फार ने बताया कि इतना सुनते ही पुलिसकर्मी भड़क गए। वे गफ्फार और इमरान को जीप में डालकर योगीपुरम पुलिस चौकी पर ले आए। आरोप है कि पुलिस ने कस्टडी में दोनों से मारपीट की। डंडा मारकर अधिवक्ता का मोबाइल तोड़ दिया। जेब में रखे 550 रुपये भी लूटने का आरोप है।
दरोगा सस्पेंड, जांच शुरू
दौराला सीओ पंकज सिंह ने बताया कि वकील से मारपीट प्रकरण में योगीपुरम चौकी इंचार्ज जितेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। वकील ने शिकायत में पुलिस पर जो आरोप लगाए हैं, उनकी अलग से जांच कराई जा रही है। फाजलपुर के रूपक हत्याकांड में भी जितेंद्र पर आरोपियों को संरक्षण देने और पीड़ित पक्ष से अभद्रता करने का आरोप लगा था।