मेडिकल कालेज में कोरोना से मौतों का आंकड़ा नियंत्रित करने के लिए मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम ने मंगलवार को मेडिकल कालेज पहुंचीं। उन्होंने चिकित्सा एवं कोविड प्रबंधन के तमाम पहलुओं की पड़ताल की। उन्होंने डेथ आडिट पर खास फोकस करने के लिए कहा। हर जटिल मरीज पर डाक्टरों का पैनल चर्चा करेगा।
मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में अब तक करीब आठ सौ मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। यहा पर मरीजों की मौत की दर लगातार 19 से 23 फीसद के बीच बनी हुई है। यह प्रदेश के मेडिकल कालेजों में सबसे ज्यादा है। हालांकि जून की तुलना में जुलाई में मौतों में 70 फीसद की कमी दर्ज की गई, लेकिन अब भी आकड़ा चिंतनीय है।
उन्होंने कोविड-19 से मरने वाले मरीजों की डेथ आडिट यानी मौत के कारणों पर रिपोर्ट बनाने के लिए कहा। कोविड के कई मरीज हार्टअटैक और ब्रेन अटैक से जान गवां बैठे। कई में सेप्टीसीमिया मौत की वजह बनी|
मरीजों को इलाज के प्रोटोकाल के तहत रक्त पतला करने की भी दवा दी जा रही है। सास लेने में परेशानी बढ़ने पर मरीजों को वेंटीलेटर से पहले अब हाई फ्लो नेजल कैनुला लगाया जाएगा। शासन इसे जल्द ही उपलब्ध कराएगा। इससे मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी। मंडालयुक्त ने डाक्टरों के साथ रेमडेसिवीर दवा को लेकर भी चर्चा की।