माल परिवहन में क्रांति की बात यूं ही नहीं की कही जा रही है। एक तो सिर्फ मालगाडिय़ों को चलाने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है। दूसरा यह कि इस पर चलने वाली गाड़ी इतनी अलग है कि एक बार में ही इतना माल लाद लेकर तेज गति से चलेंगी। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर चलनी वाली ट्रेनें राजधानी ट्रेनों की लंबाई से तीन गुना ज्यादा लंबी होंगी।
पहली बार ऐसा
पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि मालगाड़ी डबल डेकर रहेगी। यानी माल नीचे वाले डिब्बे में रहेगा और उसके ऊपर वाले डिब्बे में भी। यह ट्रेन एक बार में 1300 टन माल लेकर चलेगी। इतना भारी भरकम सामान लेकर चलेगी, इसलिए इसकी पटरी भी काफी मजबूत रहेगी। पटरी के साथ ही ट्रेन के एक्सल बड़ी क्षमता वाले हैं।
वाइब्रेट करेगी न ही शोर-शराबा
सबसे तेज चलने वाली राजधानी ट्रेन जब किसी स्टेशन से गुजरती हैं तो पटरियां कांप जाती हैं। आसपास के क्षेत्र में वाइबे्रशन से लोग चौंक जाते हैं। पर उससे कहीं अधिक तेज रफ्तार व ज्यादा लंबी होने के बाद भी शोर नहीं करेगी। वाइब्रेशन इतना कम होगा कि आसपास के लोगों को भी फर्क नहीं पड़ेगा।
पूरा कॉरिडोर रहेगा इलेक्ट्रिक
3360 किमी लंबा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगा। इस पर कोयला या डीजल वाली मालगाडिय़ां नहीं चलेंगी। यह भी पहली बार होगा कि डबल डेकर मालगाड़ी इलेक्ट्रिक लाइन से चलेगी।