दिल्ली-मेरठ हाइवे पर कादराबाद मोहिद्दीनपुर से परतापुर तिराहे तक पिछले माह बनाया गया डिवाइडर दरकने लगा है। लोक निर्माण विभाग ने 4.8 किमी के डिवाइडर को 61 लाख रुपये की लागत से जुलाई में तैयार किया था।
हैरतजनक बात यह है कि जिस जगह रैपिड का सिविल वर्क शुरू किया जाना वाला है, उस जगह लोक निर्माण विभाग ने 61 लाख रुपये की लागत से यह डिवाइडर बनाकर खड़ा कर दिया। एनसीआरटीसी ने सितंबर से निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही है, लेकिन यह डिवाइडर निर्माण कार्य से पहले ही स्वत: ही टूटने लगा है।
दिल्ली-मेरठ हाईवे पर दुर्घटनाओं को राकने के लिए पीडब्ल्यूडी ने डिवाइडर बनाने का प्रस्ताव जारी किया था। जिसपर काम भी जल्द शुरू कर तेजी से डिवाइडर बना दिया गया। अब जब रैपिड रेल का काम अभी करना बाकी है तो ऐसे में डिवाइडर जगह-जगह से स्वत: ही दरक रहे हैं।
सवाल यह है कि क्या खानापूर्ति करने के लिए ही डिवाइडर का निर्माण कराया गया था। हालाकि इस डिवाइडर के दरकने पर किसी अधिकारी के स्पष्ट बयान नहीं हैं।