थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल की कीमतों में 25 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि थोक ग्राहकों को बेचा जाने वाला डीजल 25 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 40 फीसदी की उछाल के बाद यह कदम उठाया गया है। हालांकि, पेट्रोल पंपों के जरिए बेचे जाने वाले डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।Read Also:-UP : अब उत्तर प्रदेश के आलीशान स्कूलों में पढ़ेंगे गरीबों के बच्चे, 12वीं तक की मुफ्त मिलेगी पढ़ाई
इस महीने पेट्रोल पंपों की बिक्री में 20 फीसदी का उछाल आया है। बस बेड़े संचालकों और मॉल जैसे थोक उपभोक्ताओं ने पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीदा है। आमतौर पर वे सीधे पेट्रोलियम कंपनियों से ईंधन खरीदते हैं। इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का घाटा बढ़ गया है।
नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियां सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। बिक्री बढ़ने के बावजूद इन कंपनियों ने अभी मात्रा कम नहीं की है। लेकिन अब पंपों के संचालन के लिए यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं होगा।
136 दिनों से दाम नहीं बढ़े
मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि चूंकि ईंधन की कीमतें रिकॉर्ड 136 दिनों से नहीं बढ़ी हैं, इसलिए कंपनियों के लिए इन दरों पर अधिक ईंधन बेचने के बजाय पेट्रोल पंपों को बंद करना अधिक व्यावहारिक विकल्प होगा। 2008 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने सभी 1,432 पेट्रोल पंप बंद कर दिए, जब बिक्री ‘शून्य’ हो गई। सूत्रों ने बताया कि आज भी यही स्थिति हो रही है। भारी मात्रा में उपभोक्ता पेट्रोल पंपों से खरीदारी कर रहे हैं। इससे इन खुदरा विक्रेताओं का घाटा बढ़ता जा रहा है।
मुंबई में 122.05 रुपये प्रति लीटर पर मिलेगा डीजल
मुंबई में थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल की कीमत बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर हो गई है। पेट्रोल पंपों पर डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। इसी तरह, दिल्ली में पेट्रोल स्टेशनों पर डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर है, जबकि थोक या औद्योगिक ग्राहकों के लिए इसकी कीमत 115 रुपये प्रति लीटर है।
चुनाव को देखते हुए नहीं बढ़े दाम
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने 4 नवंबर, 2021 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की है। हालांकि, इस अवधि के दौरान वैश्विक स्तर पर ईंधन की कीमतों में उछाल आया है। माना जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई। विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आ चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के चलते फिलहाल कीमतों में इजाफा नहीं हुआ है।
पेट्रोल पंप से तेल खरीद रहे थोक उपभोक्ता
थोक उपभोक्ताओं और पेट्रोल पंप की कीमतों में 25 रुपये के भारी अंतर के कारण थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीद रहे हैं। वे सीधे पेट्रोलियम कंपनियों से टैंकर बुक नहीं कर रहे हैं। इससे पेट्रोलियम कंपनियों का घाटा और बढ़ गया है।
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