नोएडा में फर्जी कंपनियों का बोलबाला, सरकार को चूना लगाने के आरोप में 8 गिरफ्तार

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नोएडा। नोएडा पुलिस ने फर्जी कंपनियां बनाकर सरकार से 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इतना ही नहीं गिरोह के सदस्यों ने नोएडा के अलावा देश के विभिन्न प्रांतों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हजारों कंपनियां खोल रखी हैं. गिरफ्तार आरोपी अब तक देश के अलग-अलग प्रांतों में फर्जी कंपनियां खोलकर जीएसटी का दावा कर सरकार से अरबों की ठगी कर चुके हैं।

थाना सेक्टर-20 में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस आयुक्त श्रीमती. लक्ष्मी सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले एक न्यूज चैनल के संपादक सौरभ द्विवेदी ने थाना सेक्टर-20 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके पैन कार्ड से कुछ लोगों ने फर्जी लेनदेन किया है. कंपनी शुरू करने की कोशिश की।

उन्होंने बताया कि सुमित यादव नाम के व्यक्ति ने भी इस तरह की घटना की रिपोर्ट थाने में दर्ज करायी है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच सेक्टर-20 थाना पुलिस और नोएडा की साइबर सेल कर रही है. पुलिस आयुक्त ने बताया कि आज सुबह एक सूचना के आधार पर पुलिस ने अश्विनी पांडे, यासीन शेख, दीपक मुजलानी, विनीता, विशाल सिंह, आकाश सिंह, अतुल सेंगर, राजीव समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, करीब 13 लाख रुपये नकद, मोबाइल सिम कार्ड, फर्जी दस्तावेज आदि बरामद किए हैं.

पुलिस आयुक्त ने बताया कि पूछताछ में पुलिस को पता चला कि ये लोग इंटरनेट के जरिए देश के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले लोगों का डेटा खंगालते हैं. उन्होंने अपने लैपटॉप में करीब 10 लाख लोगों का डाटा सुरक्षित रखा है. इनमें ये लोग कॉमन नाम सर्च करते हैं। उसके बाद उस नाम का एक व्यक्ति मिलता है जो गरीब होता है, जो कम पढ़ा लिखा होता है। उक्त व्यक्ति के पैन कार्ड का फोन नंबर बदलकर उसमें अपना फोन नंबर डाल लेते हैं। ताकि फर्म रजिस्ट्रेशन के समय ओटीपी आने पर उनके मोबाइल फोन पर ओटीपी आए। ये लोग बिजली विभाग की तरफ से बिजली बिल अपलोड कर उस व्यक्ति के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार करते हैं। पुलिस आयुक्त ने कहा कि यासीन शेख फैक्ट्री का रजिस्ट्रेशन कराने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मास्टरमाइंड है. कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद वह उसे दीपक मुजलानी को 1.5 से 2 लाख रुपए में बेच देता है। दीपक मुजलानी उस कंपनी को 8 से 10 लाख रुपए में दूसरे लोगों को बेच देते हैं।

उन्होंने बताया कि फर्जी बिल बनाकर ये लोग लाखों रुपये की खरीदारी दिखाकर जीएसटी के इनपुट का फायदा उठाते हैं. पूछताछ में पुलिस को यह भी पता चला कि ये लोग फर्जी बिल तैयार कर टैक्स चोरी गिरोह के लोगों को पैसे देते हैं. पुलिस आयुक्त ने बताया कि अब तक ये लोग फर्जी तरीके से बनाई गई 2650 कंपनियों को बेचने की बात स्वीकार कर चुके हैं, जबकि 800 कंपनियां बना चुके हैं लेकिन बेच नहीं पाए हैं. उन्होंने बताया कि इन लोगों ने औसतन एक कंपनी से 5 से 10 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है.

पुलिस आयुक्त ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक आरोपियों द्वारा 15 हजार करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी की गई है. उन्होंने बताया कि इस मामले में जीएसटी विभाग व अन्य विभागों के लोगों की क्या मिलीभगत है इसकी भी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस खुलासे के बारे में देश की अन्य एजेंसियों को भी जानकारी दी जा रही है. पुलिस आयुक्त ने कहा कि आरोपी भारत के विभिन्न राज्यों में जीएसटी लाभ लेने का अपराध कर रहे थे।

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News Source: https://royalbulletin.in/8-arrested-for-defrauding-the-government-of-fake-companies-in-noida/53077

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