मेरठ 26 जनवरी (प्र)। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए गन्ने की पांच नई किस्मों को मंजूरी दी गई है। वर्तमान में राज्य में रेड रॉट रोग का प्रभाव मुख्य रूप से इसके नए स्ट्रेन CF13 के कारण है, और सभी पांच स्वीकृत किस्में रेड रॉट रोग के नए स्ट्रेन CF13 के प्रति मध्यम प्रतिरोधी पाई गई हैं। इसलिए इन पर लाल सड़न रोग का असर कम होगा। ये किस्में संघनन, उपज, मिल योग्य गन्नों की संख्या, उपज और डंठल क्षमता और गुणवत्ता में श्रेष्ठ हैं।
लखनऊ से प्राप्त जानकारी को साझा करते हुए आरपीओ डॉ. बीके गोयल ने बताया कि गन्ना आयुक्त डॉलीबाग के कार्यालय में राज्य आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय व भूसरेड्डी की अध्यक्षता में बीज गन्ना एवं गन्ना किस्म स्वीकृति उप समिति की बैठक हुई. , लखनऊ। बैठक में उ0प्र0 गन्ना अनुसंधान परिषद, शाहजहाँपुर, कं.श.सं. 16233 और 15233 के आंकड़े पेश किए गए।
समिति के अध्यक्ष एवं सभी सदस्यों द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों पर गहन विचार-विमर्श के बाद इन दोनों किस्मों को सर्व सम्मति से समस्त उ0प्र0 में व्यवसायिक खेती हेतु अनुमोदित किया गया। सह शा। 16233 की औसत उपज 87.65 टन प्रति हेक्टेयर तथा गन्ने में पोल की औसत उपज 14.07 प्रतिशत है। सेवा। श्री। 15233 की औसत उपज 93.48 टन प्रति हेक्टेयर तथा कन्न में पोल की औसत उपज 13.85 प्रतिशत है।
बैठक में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के तहत उत्तर मध्य अंचल के लिए शीघ्र पकने वाली किस्म कर्नल लाख को अधिसूचित किया। 15466 पूर्वी यूपी के लिए अपनाया गया था। जिसकी औसत उपज 85.97 टन प्रति हेक्टेयर एवं गन्ने में खंभा 13.54 प्रतिशत है। इसके साथ ही अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के तहत मध्य-देर से पकने वाली किस्म कं.लाख को उत्तर पश्चिम क्षेत्र के लिए अधिसूचित किया गया। 14204 और कु.लाख. 15207 को मध्य और पश्चिमी यूपी के लिए अपनाया गया था।
जिनकी औसत उपज क्रमश: 9273 टन प्रति हेक्टेयर एवं 84.53 टन प्रति हेक्टेयर तथा गन्ने में खंभा क्रमशः 1355 प्रतिशत एवं 14.60 प्रतिशत है। आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय व भूसरेड्डी ने बताया कि को. श्री। 16233 एंड कंपनी लाख। गन्ने की किस्म 14204 को मध्यम देर से पकने वाली गन्ने की किस्म के रूप में जारी किया गया है, लेकिन इसकी उपज और चीनी की उपज कई शुरुआती किस्मों के बराबर है। अतः किस स्थिति में यह गन्ने की खेती में विविधता विविधता की दृष्टि से किसानों के लिए उपयुक्त किस्म साबित हो सकती है।
इसके अलावा राज्य की पुरानी गन्ना किस्मों के वर्तमान गन्ना क्षेत्र, किसानों के बीच लोकप्रियता के स्तर और उनकी खूबियों और मौजूदा विकल्पों को देखते हुए अलोकप्रिय और नगण्य कवरेज वाली पुरानी गन्ना किस्मों जैसे यूपी 0097 से 98259 तक । श्री। 20193 को 94257. 0124 पर जाएं, नहीं। श्री। 96269 से पंत 84212, को. स्वीकृत गन्ना किस्मों की सूची से 87268, 87263, 89029, 01235 एवं यूपी 39 को विलोपित किया गया।
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