सामने आया नगर निगम का फर्जीवाड़ा, 11 लाख के भुगतान का है मामला

0
217

उत्तर प्रदेश के मेरठ में भ्रष्टाचार को लेकर चर्चित रहे नगर निगम का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस बार मामला नगर निगम के जलकल विभाग का है। एमडीए से हैंडओवर हुए कई नलकूप डेढ़ साल से ठप हैं। उनमें बिजली कनेक्शन भी नहीं हैं।

इसके बावजूद उन्हें चालू दिखाकर ऑपरेटर और मरम्मत के नाम पर करीब 11 लाख रुपये की बंदरबांट कर ली गई। भ्रष्टाचार सामने आने पर अधिकारी और आउटसोर्सिंग फर्म के लोग मामले की लीपापोती में लगे हैं। भाजपा नेताओं ने इसकी शिकायत नगर आयुक्त से करते हुए इसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की बात कही है।

मेरठ विकास प्राधिकरण ने 29 जनवरी 2019 को आवासीय कालोनी श्रद्धापुरी फेस-2, डिफेंस एनक्लेव, पांडव नगर, गंगानगर, सैनिक विहार, वेदव्यासपुरी, रक्षापुरम और मेजर ध्यानचंद नगर को नगर निगम के हैंडओवर किया था। उस समय कॉलोनियों के नलकूप और ओवरहेड टंकी भी हस्तांतरित की गई थी। वर्ष 2007 में बने नौ नलकूप और पांच टंकियां 13 साल से ठप पड़ी थी।

लेकिन जलकल विभाग ने लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए आउटसोर्स फर्म को नलकूप और टंकियों के संचालन और रखरखाव का इस साल के तीन महीने जनवरी, फरवरी और मार्च माह का करीब 11 लाख रुपए भुगतान मई माह में कर दिया। जबकि अप्रैल और मई का भुगतान इसके बाद करने की तैयारी थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here