
बच्चों का स्कूल आना अनिवार्य होगा या वे ऑनलाइन क्लास ले सकते हैं, यह तय करने का अधिकार राज्य सरकारों पर छोड़ दिया गया है। केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइंस में कहा गया था कि राज्य स्थानीय हालात के आधार पर स्कूल खोलने का फैसला कर सकते हैं। बच्चे स्कूल जाएंगे या नहीं इसका फैसला अभिभावकों से बातचीत के बाद लिया जाएगा। यदि बच्चे स्कूल नहीं आना चाहते हैं तो उपस्थिति को लेकर छूट दी जानी चाहिए।Read Also:-अगर आपका पीएनबी,एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा या आईसीआईसीआई बैंक में खाता है तो यह खबर आपके लिए बहुत ही जरूरी है।
केंद्र ने कहा है कि अगर स्कूल में पर्याप्त जगह होगी तो बच्चों को खेल, गीत और संगीत समेत अन्य गतिविधियों को करने की छूट होगी। स्कूल का समय कम किया जा सकता है। कक्षा में दो छात्रों के बीच की दूरी कम से कम छह फीट होनी चाहिए। अगर कोई स्टाफ कंटेनमेंट जोन में रहता है तो उसे स्कूल नहीं आने दिया जाएगा।
5% से कम कोविड पॉजिटिव रेट वाले स्कूल खुल सकते हैं
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के मुताबिक, कोविड-19 के नए मामलों में लगातार गिरावट आई है और स्थिति में पहले ही सुधार हुआ है। देश भर के 268 जिलों में कोविड पॉजिटिव दर 5% से कम है। ये जिले स्पष्ट रूप से स्कूलों को फिर से खोलने की ओर बढ़ सकते हैं। इस संबंध में निर्णय राज्य सरकारों को लेना होगा। जिसके बाद राज्य चाहे तो स्कूलों को फिर से खोल सकता है।
11 राज्यों में स्कूल पूरी तरह खुल गए हैं
इधर, शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बयान जारी कर कहा है कि 11 राज्यों में स्कूल पूरी तरह से खुले हैं, जबकि 16 राज्यों में ज्यादातर उच्च कक्षाओं के स्कूल खोले गए हैं। वहीं, 9 राज्य ऐसे हैं जहां स्कूल बंद हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने इस संबंध में नई और संशोधित गाइडलाइन और कोविड प्रोटोकॉल जारी किया है। स्कूल खुलने के दौरान इन सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
लगभग 95% स्कूल स्टाफ का टीकाकरण किया जा चुका है
अधिकारियों के अनुसार, सभी राज्यों में लगभग 95% स्कूल स्टाफ का टीकाकरण किया जा चुका है, जबकि कुछ राज्यों में कर्मचारियों की टीकाकरण दर 100% है। ऐसे में अब शिक्षक खुद को सुरक्षित महसूस कर सकते हैं। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी कि इन कोविड एसओपी और दिशानिर्देशों का पालन करके हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि स्कूल सुरक्षित तरीके से चले।
शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वीटी चांगसन ने कहा कि व्यापक टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में राज्यों के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। जिसमें राज्य सरकारों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बच्चे के माता-पिता की सहमति लेनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- कोरोना के मामले में कमी आई है
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि पिछले 14 दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आई है और सकारात्मकता दर में भी कमी आई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दैनिक सकारात्मकता दर जो 21 जनवरी को 17.94% दर्ज की गई थी, वह घटकर 10.99% हो गई है।
स्कूलों के लिए केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस
- छात्रों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें
- विद्यालय में साफ-सफाई व साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें
- स्टाफ रूम, ऑफिस एरिया, असेंबली हॉल और अन्य कॉमन एरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए।
- स्कूलों को सलाह दी जाती है कि वे कोई भी स्कूल कार्यक्रम आयोजित न करें जहां सामाजिक दूरी संभव नहीं है
- सभी छात्र और कर्मचारी फेस कवर/मास्क पहन कर स्कूल आएं
- मिड-डे मील वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनानी होगी।
देश में कोरोना की स्थिति
देश में गुरुवार को 1.47 लाख नए मामले सामने आए। इस दौरान 2.45 लाख लोग ठीक हुए, जबकि 1,071 लोगों की मौत हुई है। इससे एक दिन पहले बुधवार को 1.72 लाख केस मिले थे। पिछले दिन की तुलना में 25,231 कम नए संक्रमित मिले हैं, यानी 14.63% कम नए मामले मिले हैं। तीसरी लहर में पहली बार 1.5 लाख से कम नए मामले मिले हैं। पिछले दिन की तुलना में सक्रिय मामलों की संख्या में लगभग 99,675 की कमी आई है। इस समय देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 4.19 करोड़ पहुंच गई है, जबकि कुल ठीक होने की संख्या 4 करोड़ पहुंच गई है और कुल मौतों का आंकड़ा 5 लाख पहुंच गया है।

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