भारत में कोरोना के मामले कम होने पर केंद्र और राज्य सरकारों ने पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी। अनलॉक का असर ये हुआ कि अब बहुत से लोग मनमानी करने पर उतारू हैं । बाजारों और टूरिस्ट प्लेस में भारी भीड़ दिखाई देने लगी है। हालात ऐसे बन गए है कि सरकार को इस पर चिंता होने लगी है ।
जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कोरोना के हालात पर होने वाली नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज मंगलवार को कहा कि कोरोना की दूसरी लहर सीमित दायरे में ही सही, लेकिन आज भी मौजूद है। हिल स्टेशनों पर भारी भीड़ का जिक्र कर उन्होंने कहा कि ऐसा करना अब तक का जो भी लाभ मिला है वो इसको को कम कर सकता है। यदि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है तो हम पाबंदियों में दी गई ढील को फिर से समाप्त कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने शिमला और मनाली में कोरोना गाइडलाइंस का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार को एक पत्र भी लिखा है। और सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले 73 जिलों और इनके राज्यों को भी पत्र लिखा गया है।
ICMR के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि हिल स्टेशनों से आ रहीं तस्वीरें बहुत ही डरावनी हैं। लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जरूर का ध्यान रखना और इसको आदत मे लाना चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसी कुछ फोटो भी दिखाई गईं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में पिछले 9 दिनों से रेगुलर 50 हजार से भी कम कोरोना के मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। देश में कोरोना वायरस के 80% नए मामले 90 जिलों से आ रहे हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, असम, कर्नाटक में सब ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। कुछ जिलों में ज्यादा संक्रमण अगर देखा जाए तो हमें मानकर चलना पड़ेगा कि ये दूसरी लहर है। देश में कुछ जिले ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट 10% से भी ज्यादा है।
तीसरी लहर चुनौती नहीं, हम उसे रोकने के लिए क्या करेंगे यह बहुत अहम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भविष्य की चुनौती तीसरी लहर नहीं है, बल्कि ये है कि हम इस पर कैसे और कितना काम करते हैं। इस लहर के किसी भी पहलू को उजागर करने के अलावा , हमें इसके प्रसार को रोकने के लिए सही व्यवहार और प्रतिबंधों पर ध्यान देना होगा ।