नयी दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर, भारतीय वायु सेना ने ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को पश्चिमी क्षेत्र में एक फ्रंटलाइन लड़ाकू इकाई की कमान के लिए चुना है। वह वायु सेना के इतिहास में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। वह अब भारत के सबसे संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में से एक में मिसाइल तैयारी और कमान नियंत्रण की निगरानी करेंगी।
ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी जल्द ही पश्चिमी क्षेत्र में भारतीय वायु सेना की एक मिसाइल इकाई की कमान संभालेंगी। वह ऐसी मिसाइल इकाई की कमान संभालने वाली पहली महिला होंगी। ग्रुप कैप्टन धामी को वर्ष 2003 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके पास 2800 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है। एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक के रूप में, उन्होंने पश्चिमी सेक्टर में एक हेलीकाप्टर यूनिट के फ्लाइट कमांडर के रूप में कार्य किया है। बाद में उन्हें 20 दिसंबर 2005 को फ्लाइट लेफ्टिनेंट के रूप में पदोन्नत किया गया और बाद में 2009 में स्क्वाड्रन लीडर के रूप में नियुक्त किया गया।
दो मौकों पर एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ से सम्मानित होने के बाद, ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी वर्तमान में हेडक्वार्टर फ्रंटलाइन कमांड की ऑपरेशंस शाखा में तैनात हैं। वायु सेना में ग्रुप कैप्टन का पद सेना में कर्नल के समकक्ष होता है। शालिजा चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों के लिए वायु सेना की पहली महिला फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी रही हैं। साल 2018 में धामी को भारतीय वायुसेना में स्थायी कमीशन दिया गया था।
इससे पहले भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात हो चुके हैं। ठीक दो महीने बाद, भारतीय वायु सेना ने ग्रुप कैप्टन धामी को पश्चिमी क्षेत्र में एक फ्रंटलाइन लड़ाकू इकाई की कमान के लिए चुना। कैप्टन चौहान को जनवरी में तीन महीने के लिए करीब 15,600 फीट की ऊंचाई पर सियाचिन में कुमार पोस्ट पर तैनात किया गया है।
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News Source: https://royalbulletin.in/group-captain-shalija-dhami-will-take-over-the-western-frontline-combat-unit-of-the-air-force/17505