उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने वजूखाना में मिले ‘शिवलिंग’ को फव्वारा बताने वाले मुस्लिम पक्ष को अपना दावा साबित करने की चुनौती दी है। वहीं ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा है कि फव्वारा चला कर दिखाने में कोई दिक्कत नहीं है।Read Also:-उत्तर प्रदेश के डिग्री कॉलेजों को लेकर योगी सरकार उठाने जा रही है बड़ा कदम, जानिए क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी
जैन ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना में मिले शिवलिंग को फव्वारा बता रहा है और अगर यह वास्तव में एक फव्वारा है तो उसे चलाकर दिखाएं। उन्होंने कहा, ‘अगर यह फव्वारा है तो इसके तहत पानी की आपूर्ति की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। जहां पर शिवलिंग मिला, उसकी जांच की जाए और शिवलिंग का आकार भी नापने दिया जाए।
इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद के रखरखावकर्ता संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद’ के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि फव्वारे का निरीक्षण करने का मौका दिया जाना चाहिए और वह इसके लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, ‘अगर हमें इजाजत दी जाए तो हम भी उस फव्वारे के नीचे पाइप लगाकर पानी निकालने को तैयार हैं। पहले हौज (पानी की टंकी) में सरकारी पाइप से पानी भरा जाता था, अब जेट पंप से कुएं से पानी भरा जाता है। फव्वारे का पाइप अलग है। फव्वारे के पास एक पाइप भी है ताकि फव्वारे से पानी निकल सके।
यासीन ने बताया कि सोशल मीडिया पर फव्वारे की एक फोटो वायरल हो रही है, जिसके ऊपर चार निशान हैं। उनमें से फव्वारा निकलता था। हम इसे चलाकर दिखाएंगे। उन्होंने बताया कि सर्वे के दिन इनमें से एक निशान में एक सुई डाली गई थी जो करीब 64 सेंटीमीटर अंदर चली गई थी। यानी यह वह छेद है जिससे पानी निकलता था। यासीन ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो हौज की सफाई का है जो लॉकडाउन के दौरान किया गया था और हर छह महीने में हौज की सफाई की जाती है।
आपको बता दें कि 16 मई को कोर्ट के आदेश पर संपन्न ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजू खाना में बने हौज में शिवलिंग मिलने का दावा किया था। उसके बाद कोर्ट के निर्देश पर जगह को सील कर दिया गया। मुस्लिम पक्ष शुरू से ही इस पत्थर को फव्वारा बता रहा है।
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