भारत सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में चलाई जा रही स्वदेश दर्शन योजना में हस्तिनापुर को भी शामिल करने की घोषणा की गई है। अब हस्तिनापुर के पौराणिक स्थलों का विकास होगा। इससे यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने की संभावना जताई जा रही है।
स्वदेश दर्शन योजना भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक विरासतों को देश में पर्यटन और रोजगार के निर्माण के विकास में बड़ी संभावना प्रदान करती है। शुक्रवार को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के साथ प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों की बैठक में हस्तिनापुर को स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने का फैसला किया गया।
स्वदेश दर्शन योजना देशभर में संरचनात्मक विकास के लिए पर्यटन सर्किटों की पहचान कराएगी। इससे न केवल पौराणिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में पहचान मिलेगी वरन हस्तिनापुर को पर्यटन के मानचित्र पर लाकर विकसित किया जाएगा।
हस्तिनापुर जैन, हिंदु व सिख धर्म की समागम स्थली है। महाभारतकालीन पौराणिक अवशेष भी यहां विद्यमान हैं। पांडव टीला, प्राचीन पांडेश्वर मंदिर, कर्ण मंदिर, द्रोपदेश्वर मंदिर, द्रौपदी घाट आदि पौराणिक स्थल आज भी महाभारत काल के साक्षी हैं। अब स्वदेश दर्शन योजना में शामिल होने से लगता है कि हस्तिनापुर पर्यटन स्थल के रूप में चमकेगा।