
Tenant and Landlord Dispute : आरसीओ की तैनाती के बाद सभी तरह के किराएदारी के विवाद इसी कार्यालय द्वारा सुलझाए जाएंगे
किराएदार और मकान मालिक के बीच चलने वाले विवाद को खत्म करने के लिए अब प्रदेश सरकार सभी जिलों में एडीएम स्तर का रेंट कंट्रोल अफसर (आरसीओ) तैनात करने की तैयारी कर रही है। इसकी शुरुआत सीएम याेगी के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर से होगी। यहां जल्द ही रेंट कंट्रोल अफसर (आरसीओ) की तैनाती होने जा रही है, इसके बाद अन्य जिलों में भी आरसीओ तैनात होंगे। आरसीओ की तैनाती के बाद सभी तरह के किराएदारी के विवाद इसी कार्यालय द्वारा सुलझाए जाएंगे।

दरअसल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में किराये संंबंधी विवाद कभी-कभी मारपीट और खून-खराबे तक पहुंच जाते हैं। इसे देखते हुए मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद को कम करने के लिए योगी सरकार ने 48 साल पुराने कानून की जगह उत्तर प्रदेश नगरीय किराएदारी विनियमन अध्यादेश-2021 बनाया है। इस व्यवस्था से किराएदारी के विवाद आसानी से सुलझ जाएंगे और भविष्य में विवाद होने की आशंका भी कम हो जाएगी। इसके जल्द ही नोडल अफसर नामित हो जाएंगे।
इस कानून की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। अकेले गोरखपुर में ही इस तरह के 2000 से ज्यादा मामले में कोर्ट में चल रहे हैं। जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि इसके जल्द ही नोडल अफसर नामित हो जाएंगे। आरसीओ द्वारा किराएदारी विवाद संबंधी मामलों का निस्तारण 60 दिनों में किया जाएगा। इस कानून से न तो किराएदार मकान पर जबरिया कब्जा कर सकेंगे और न ही मकान मालिक एग्रीमेंट के खिलाफ मनमाने तरीके से किराएदार को अचानक से निकाल सकेंगे।

एग्रीमेंट के मुताबिक किराएदार को तय समय पर मकान मालिक के कहने पर प्रापर्टी को खाली करना होगा और मकान मालिक को प्रापर्टी को खाली कराने से पहले नोटिस देना होगा। प्रदेश में नगरीय परिसर किरायेदारी विनयमन (द्वितीय) अध्यादेश-2021 लागू होने के बाद गोरखपुर में इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। इस कानून में किराएदार और मकान मालिक का दायित्व तय किया गया है।
