कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद पेट्रोल-डीजल के रेट कम नहीं हुए। केंद्र सरकार ने जहां एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी तो कई राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ा दिया। ऐसे में सस्ते क्रूड का आम पब्लिक को कोई लाभ नहीं मिला, अलबत्ता अब जून से महंगे पेट्रोल-डीजल के लिए तैयार रहें। लाइव मिंट की खबर के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 4 से 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर सकती है। लॉकडाउन हटने के बाद दोनों पेट्रोलियम उत्पादों के दैनिक मूल्य का एक बार संशोधन हो सकता है।
40-50 पैसा प्रतिदिन बढ़ सकते हैं दाम
कंपनियों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल में लागत और बिक्री का अंतर पहले ही 4-5 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। ऐसे में वैश्विक कीमतों को देखते हुए घाटे को पूरा करने के लिए लगातार दो सप्ताह तक 40-50 पैसा प्रतिदिन दाम बढ़ाना पड़ेगा। हालांकि, सरकार के सूत्रों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के मूल्य को सीमा से अधिक बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
एक जून से यहां बढ़ेगी कीमत
मिजोरम सरकार ने 1 जून से राज्य में पेट्रोल पर 2.5 फीसदी और डीजल पर 5 फीसदी की दर से वैट बढ़ाए जाने का ऐलान किया है, जिसके बाद राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। वहीं जम्मू-कश्मीर में पेट्रोल पर टैक्स दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया गया है। वहीं डीजल पर टैक्स में एक रुपये लीटर की वृद्धि की गई है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि संशोधित दरें एक जून से लागू होंगी। हिमाचल प्रदेश ने भी एक जून से डीजल और पेट्रोल पर दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
कीमतों में रोजाना बदलाव की व्यवस्था शुरू करने पर मंथन
सरकारी तेल विपणन कंपनी (ओएमसी) के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पिछले सप्ताह सभी खुदरा तेल विक्रेताओं ने बैठक की। इसमें मौजूदा स्थिति का आकलन किया गया और लॉकडाउन के बाद कीमतों में रोजाना बदलाव की व्यवस्था शुरू करने का रोडमैप तैयार किया है।