Home Breaking News एक इंस्टीट्यूट जो बिजली बचाता है और बेचता भी है

एक इंस्टीट्यूट जो बिजली बचाता है और बेचता भी है

देहरादून बाईपास स्थित मेरठ इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलाजी बिजली की खपत कम करने व बिजली बिल की राशि बचाने के बारे में सोचने वालों के लिए सीख की तरह है। इंस्टीट्यूट ने 450 केवी का सौर ऊर्जा प्लांट लगाया है। इससे उसकी बिजली की जरूरत तो पूरी होती है। सोने पे सुहागा यह है कि जो बिजली बच जाती है वह ऊर्जा निगम को चली जाती है। इससे बिजली बिल का प्रतिमाह लाखों रुपये बच रहा है। लाभ इंस्टीट्यूट को हो रहा है और सराहना सरकार करती है। यूपीनेडा की ओर से हर साल पुरस्कृत किया जाता है।एक इंस्टीट्यूट जो बिजली बचाता है और बेचता भी है

प्रतिमाह 1800 यूनिट बिजली पैदा करता है इंस्टीट्यूट

26 एकड़ में फैले इंस्टीट्यूट के लिए 450 केवी का सौर ऊर्जा प्लांट 2016 में स्थापित किया गया था। इससे 1800 यूनिट बिजली प्रतिदिन पैदा होती है। सामान्य दिनों या सर्दी में 1200 से 1500 यूनिट बिजली की जरूरत रहती है। गर्मी में एसी, पंखे चलाने की वजह से लोड बढ़ जाता है, तब खपत बढ़कर 2500 यूनिट पहुंच जाती है। ऐसे में गर्मी में तो प्रतिदिन 700 यूनिट बिजली खरीदनी पड़ती है जबकि सामान्य दिनों में खपत कम होने से करीब 250 यूनिट बिजली ऊर्जा निगम के ग्रिड को दे दी जाती है।एक इंस्टीट्यूट जो बिजली बचाता है और बेचता भी हैएमआइईटी के चेयरमैन विष्णु शरण अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2016 में इंस्टीट्यूट में गो ग्रीन इनीशिएटिव कार्यक्रम शुरू किया था। तभी बेटे गौरव ने सौर ऊर्जा प्लांट की जानकारी दी। उस समय 100 केवी का प्लांट लगाया, लेकिन जब इससे लाभ दिखाई दिया तो क्षमता बढ़ाकर 450 केवी की कराई। पूरे परिसर में एलईडी लाइट लगाने का काम जारी है।

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एक इंस्टीट्यूट जो बिजली बचाता है और बेचता भी है