कुवैत : चार दिन से जल रहा है दुनिया का सबसे बड़ा टायर कब्रिस्तान, सैटेलाइट से नजर आया काला धुआं

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इस डम्पयार्ड में 2019 में भी आग लग चुकी है। उस आग को भी अंतरिक्ष से देखा गया था। उस आग का असर 25 लाख वर्ग मीटर तक था।

कुवैत में दुनिया का सबसे बड़ा टायर ग्रेवयार्ड 4 दिन से धधक रहा है। सैटेलाइट से यहां उठता काला धुआं और आग साफ नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि सुलायबिया शहर में मौजूद पुराने टायरों के इस डंपयार्ड में 70 लाख टायर रखे हैं, जिसके जलने के कारण हवा भी जहरीली हो गई है।इस डम्पयार्ड में 2019 में भी आग लग चुकी है। उस आग को भी अंतरिक्ष से देखा गया था। उस आग का असर 25 लाख वर्ग मीटर तक था। उस साइट पर सिर्फ 10 लाख टायर थे, जबकि इस बार जहां आग लगी है, वहां 70 लाख पुराने टायर हैं।

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यहां रेतीली आंधियां भी आती हैं
कुवैत के समाचार पत्रों की रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां कुवैत और कुछ दूसरे देशों से लाए गए 70 लाख से ज्यादा टायर रखे हैं, जिनमें बीते 4 दिन से लगी हुई है। रेगिस्तानी इलाका होने की वजह से खतरा ज्यादा बढ़ गया है। इस इलाके में अक्सर रेतीली आंधियां आती रहती हैं, जिसकी वजह से टायरों में रेत भर जाती है। यहां पुराने टायरों को रीसाइकिल करने के लिए तीन फैक्ट्री लगाने का प्लानबना था, लेकिन अब तक इस पर काम शुरू नहीं हो सका।

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जहरीला धुआं सेहत के लिए खतरनाक
पुराने टायर सिर्फ कुवैत ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी परेशानी का सबब बने हुए हैं। हालांकि, ज्यादातर को रीसाइकिल कर इस्तेमाल कर लिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद कई देशों में इसके डम्पयार्ड हैं, जहां लाखों टायर पड़े रहते हैं। आग लगने की वजह से इनसे बेहद जहरीला धुआं निकलता है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिहाज से खतरनाक है। कुवैत में तो यह समस्या ज्यादा है। टायर जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर ऑक्साइड जैसे रसायन निकलते हैं। इन केमिकल्स से सांस लेने की बीमारी और कैंसर तक हो सकता है। इसके अलावा इन जहरीले धुएं का असर लंबे समय तक रहता है।

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