दो दिन पहले लेबनान में हुए भयंकर विस्फोट से एकबार फिर दुनिया की निगाहें उस ओर गई हैं। पहले से बुरे दौर से गुजर रहे इस देश के हालात इस विस्फोट के बाद और भी बुरे होने तय हैं। लेबनान बीते 15 सालों से गृहयुद्ध झेल रहा था। अब इस भयानक विस्फोट से उसको और भी अधिक खराब स्थिति का सामना करना पड़ेगा ये तय माना जा रहा है।
1975 से लेकर 1990 तक लेबनान गृहयुद्ध की चपेट में ही था। गृहयुद्ध खत्म हो जाने के बाद भी दो दशक से अधिक समय तक सीरिया की सेनाएं यहां पर रहीं और अपना प्रभुत्व बनाए रखा। इसके बाद साल 2005 में लेबनान की तत्कालनी प्रधानमंत्री रफीक हरीरी की हत्या हो गई। इसके बाद देश के राजनैतिक और आर्थिक इतिहास में एक बड़ा मोड़ आ गया।
आर्थिक संकट के चरम की ओर
इसी साल 21 जनवरी को लेबनान में एक नई सरकार बनी। यह एक ही पार्टी की सरकार है जिसमें हिजबुल्लाह और उनके सहयोगी शामिल हैं और जो संसद में भी बहुमत में हैं। 30 अप्रैल को सरकार ने माना कि लेबनान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वह अंतरराष्ट्रीय कर्ज चुकाने में चूक गया।