शासन ने शस्त्र लाइसेंस धारकों के लिए नई गाइड लाइन जारी की है। जिसके तहत शस्त्र लाइसेंसधारक केवल दो शस्त्र रख सकता है। यदि किसी भी लाइसेंस धारक के पास पूर्व में तीन शस्त्र लाइसेंस या तीन शस्त्र अंकित हैं तो संबंधित लाइसेंस धारक को किसी भी एक शस्त्र को किसी भी शस्त्र लाइसेंस धारक, आर्म्स डीलर या थाना (मालखाना) में निस्तारण कर शस्त्र लाइसेंस निरस्त/सरेंडर करना होगा। साथ ही अब शस्त्र लाइसेंस तीन नहीं बल्कि पांच साल के लिए होगा।
वहीं, शस्त्र लाइसेंस धारकों को यूनिक आइडी नंबर लेना जरूरी है। जिले में करीब 21450 शस्त्र लाइसेंस धारक हैं। जिनमें अधिकांश यूनिक आईडी नंबर ले चुके हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार 100 से भी कम शस्त्र लाइसेंस धारक अभी तक यूनिक आईडी नंबर नहीं ले पाए हैं। उनके लिए शासन ने अंतिम तिथि 29 जून तय की है। इसके बाद जिनके पास यूनिक आईडी नंबर नहीं होगा, उन लाइसेंस को स्वत: ही निरस्त माना जाएगा।
शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण अब पांच साल के लिए होने पर जहां शस्त्र धारक अनावश्यक भागदौड़ से बचेंगे वहीं, उनकी आर्थिक बचत भी होगी। क्योंकि शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क 500 रुपये सालाना है। जिसका जमा होना तय है। लेकिन इसके साथ ही स्टांप शुल्क अलग से देय है।
इसमें रिवाल्वर/पिस्टल के लिए 1000 हजार रुपये, राइफल के लिए 750 रुपये और बंदूक के लिए 500 रुपये का स्टांप शुल्क है। ऐसे में पांच साल के लिए नवीनीकरण होने पर भविष्य में लाइसेंसधारकों को आर्थिक लाभ मिलेगा। वहीं सरकारी खजाने को जरूर हानि होगी।