
LPG Price Latest: उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत पांच राज्यों के चुनाव खत्म हो चुके हैं। रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें 14 साल के उच्चतम स्तर पर हैं। ऐसे में हर कोई इस बात को लेकर आशंकित है कि अब पेट्रोल-डीजल से लेकर घरेलू रसोई गैस सिलेंडर तक महंगाई पर असर पड़ेगा।Read Also:-ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय जारी की चेतावनी, अब स्कूटर, मोटरसाइकिल सवारों के साथ पुलिस करेगी ये काम
अब तक उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत 5 राज्यों में चुनाव के चलते एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में पिछले कई महीनों से राहत मिल रही थी। अंतिम चरण का चुनाव 7 मार्च को समाप्त हुआ और शाम को सभी एग्जिट पोल उत्तर प्रदेश में योगी सरकार, उत्तराखंड में कांग्रेस, पंजाब में आप सरकार की कुछ चुनावों में वापसी दिखाते हैं। गोवा और मणिपुर में भी बीजेपी के सरकार बनाने के अनुमान हैं, लेकिन इन अनुमानों के बीच तेल और गैस की बढ़ती कीमतों का डर भी घर पर लगने लगा है।
आज यानी 8 मार्च 2022 को दिल्ली में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 899.50 रुपये है। अगर बात करें कोलकाता की तो 1 मार्च 2021 को 14.2 किलो वाले बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 846 रुपये थी और आज यह 926 रुपये में बिक रहा है। इसी तरह एक साल पहले लखनऊ में एक घरेलू सिलेंडर 857 रुपये में मिल रहा था। और आज यह 938 रुपये में उपलब्ध है। पटना में यह 998 रुपये है।
6 अक्टूबर 2021 के बाद से घरेलू एलपीजी सिलेंडर न तो सस्ते हुए हैं और न ही महंगे। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल की कीमतें 102 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई हैं। हालांकि इस दौरान कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में खासा बदलाव देखने को मिला। आपको बता दें कि अक्टूबर 2021 से 1 मार्च 2022 के बीच कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 275 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जबकि 1 मार्च 2021 से 2022 के बीच घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में केवल 81 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर के दामों में कई महीनों से राहत मिली है। कच्चे तेल की कीमत 138 डॉलर प्रति बैरल को पार करने के बावजूद 6 अक्टूबर 2021 से घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चुनाव के बाद यानी अब कभी भी इसकी कीमत गैस में प्रति सिलेंडर 100 से 200 रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है।
इस हफ्ते बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 13 साल के रिकॉर्ड उच्च स्तर 140 डॉलर प्रति शेयर को छूने के बाद तेल कंपनियां अब अपने नुकसान की भरपाई के लिए तैयार हैं, जबकि ईंधन की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ईंधन खुदरा विक्रेताओं के घाटे को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जरूरत है। गौरतलब है कि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85 फीसदी आयात से पूरा करता है। इस साल तेल की कीमतें पहले ही 60 फीसदी से अधिक बढ़ चुकी हैं और कमजोर रुपया देश के लिए परेशानी बढ़ा रहा है।

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