
नाबालिग को शादी के नाम पर बेचने के आरोप में मां समेत पांच महिलाओं को पुलिस ने पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है। पूछताछ के दौरान पीड़िता ने कई खुलासे किए। पुलिस के मुताबिक नाबालिग ने बताया कि इससे पहले भी उसे तीन बार अलग-अलग हाथों में बेचा गया और शादी करवा दी गई थी।Read Also:-मेरठ: शादी का झांसा देकर किया दुष्कर्म, 22 साल की लड़की ने कहा कि जाति और धर्म से कुछ मतलब नहीं, लेकिन उस युवक ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी
इस पूरे षडयंत्र में पीड़िता नाबालिग की मां, मौसी समेत अन्य महिलाओं का गैंग है। यह गिरोह कुंवारे लड़कों को फंसाता था और कुछ दिनों के बाद सौदा और शादी करवाकर नाबालिग को घर वापस लाता था। पीड़िता के बयानों के आधार पर अब नाबालिग के खरीदार भी पुलिस के रडार पर आ गए हैं।
20 फरवरी को एक महिला ने अपनी सगी बहन समेत कुछ महिलाओं पर नाबालिग बेटी को घर से दूर फुसलाने का आरोप लगाया था। महिला ने पुलिस को बताया था कि आरोपी ने उसकी नाबालिग बेटी को बेचकर उसकी शादी किसी से करा दी है।
पुलिस ने शिकायतकर्ता के आरोपों पर जब जांच शुरू की तो मामला परत दर परत खुल गया। मौके पर पुलिस ने बिजनौर के एक घर में छापेमारी कर नाबालिग को छुड़ाया और बिचौलिए की भूमिका निभा रही रुद्रपुर की रश्मि कौर के अलावा रायपुर की पड़ोसी महिला परमजीत कौर और परमजीत की बेटी सीमा को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बुधवार को पीड़िता से पूछताछ की तो मामला चौकाने वाला निकला। एएसपी रुद्रपुर ममता बोहरा के मुताबिक, पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि उसकी मां से मिलकर बने महिलाओं के इस गिरोह ने पहले उसे शादी के नाम पर रुद्रपुर और रामपुर के युवकों को बेच दिया था। उनकी तीसरी शादी बिजनौर में हुई थी।
नाबालिग ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि शादी के कुछ दिन बाद मां और मौसी किसी बहाने उसे घर बुलाते थे और फिर वापस नहीं भेजते थे। इसके बाद मेरे कथित ससुराल वालों को जेल भेजने की धमकी देकर मामले को दबा दिया गया। एएसपी ने बताया कि पीड़ित नाबालिग के बयानों के आधार पर पुलिस किशोरी के खरीदारों से भी पूछताछ करेगी।
इसमें और भी कई नाम सामने आ रहे हैं। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने गिरफ्तार पीड़िता की मां और मौसी समेत पांच महिलाओं को कोर्ट में पेश किया है।
बिचौलिए उन लड़कों को ढूंढते थे जो शादी करना चाहते थे
नाबालिग को शादी के नाम पर बेचे जाने के मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि गिरोह में बिचौलिए का काम करने वाली आरोपी महिला रश्मि कौर व सीमा बिजनौर समेत आसपास के इलाकों में घूमती थी. यूपी के रामपुर। दोनों ऐसे लड़कों की तलाश में रहते थे, जिन्हें या तो शादी के लिए लड़की नहीं मिली।
या फिर गाँव की परंपरा और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार इनमें लड़कियों की संख्या कम थी। आरोपी महिलाएं ऐसे लड़कों को तलाश कर नाबालिग का फर्जी आधार कार्ड दिखाती थी। इसमें पीड़ित लड़की की उम्र 18 साल बताई गई है। लड़के के शादी के लिए तैयार होते ही दोनों आरोपी महिलाएं लड़की के साथ मोटी रकम का सौदा कर लेतीं।
पूछताछ में पता चला कि नाबालिग को पहली बार 50 हजार, दूसरी बार 25 हजार और तीसरी बार 80 हजार में बेचा गया। पीड़िता की शादी बेहद गुपचुप तरीके से सुनसान इलाकों में जाकर की गई। ताकि नाबालिग जब घर वापस आए तो किसी को इस बात का पता न चले।
माँ ने अपनी बेटी को जगह-जगह भेजा
एएसपी ममता बोहरा ने बताया कि नाबालिग द्वारा बनाए गए आधार कार्ड में पीड़िता की उम्र 18 साल लिखी गई है, जबकि मामले का खुलासा होने के बाद नाबालिग की उम्र चार साल कम पाई गई है। जांच में यह भी सामने आया है कि शादी के बहाने बेचने के अमानवीय धंधे से पहले मां अपनी नाबालिग बेटी को रुपये के बदले अन्य लोगों के पास भेज देती थी।
कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लालच में पीड़िता की आरोपी मां ने महिलाओं का गिरोह बना लिया और नाबालिग बेटी को शादी के नाम पर बेचने का धंधा शुरू कर दिया। इस गिरोह में पकड़ी गई हर महिला की अपनी भूमिका थी। अलग कहानी बनाकर वह युवकों को शादी के लिए राजी करती थी।
तीसरी शादी के बाद युवती से शादी करने वाले युवक ने मायके नहीं छोड़ा और इस दौरान आरोपी महिलाओं के बीच भी अनबन हो गई। इसके बाद पीड़िता की आरोपित मां ने अपनी ही बहन पर मनगढ़ंत साजिश रचने का आरोप लगाया था।

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