
पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के मीट प्लांट को सील कर दिया गया है। याकूब कुरैशी अपने परिवार के साथ फरार है। इसके बाद मेरठ के दूसरे बड़े मीट कारोबारी और पूर्व सांसद शाहिद अखलाक के मीट प्लांट में भी जांच शुरू कर दी गई है। पूर्व सांसद की हापुड़ रोड पर अलीपुर के पास अल साकिब के नाम से मीट फैक्ट्री है। यहां से विदेशों में मांस की आपूर्ति की जाती है। पुलिस प्रशासन पूर्व में भी कई बार अवैध मीट को लेकर इस फैक्ट्री में छापेमारी कर चुका है। अब एक संयुक्त टीम बनाई गई है।Read Also:-मेरठ : ट्रेन की चपेट में आए क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर, मौके पर ही हुई मौत, सिटी रेलवे स्टेशन पर देर रात हुई दुर्घटना,
शाहिद अख़लाक़ मीट के बड़े कारोबारियों में से एक हैं
मेरठ के कोतवाली क्षेत्र के गुदरी बाजार निवासी 53 वर्षीय शाहिद अखलाक उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मांस व्यापारियों में से एक है। शाहिद अखलाक की मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर अलीपुर के पास करीब 250 बीघा जमीन में मीट फैक्ट्री है। फिलहाल शाहिद अखलाक के पास मीट सप्लाई करने का इंटरनेशनल लाइसेंस है। इसमें स्थानीय आपूर्ति के अलावा राज्य में कहीं भी मांस की आपूर्ति की अनुमति है। वैसे अस्पताल मालिक डॉ. रवींद्र गुर्जर ने पूर्व सांसद की मीट फैक्ट्री की शिकायत पहले भी की थी।
अब मुकेश सिद्धार्थ ने मीट प्लांट को लेकर शिकायत की है। उन्होंने मांग की है कि इस मीट प्लांट की जांच होनी चाहिए। जांच समिति में एक आईपीएस, एक प्रशासनिक अधिकारी, विकास प्राधिकरण, प्रदूषण विभाग के अधिकारी होते हैं।

शाहिद अखलाक का राजनीतिक दबदबा भी कम नहीं
शाहिद अखलाक मेरठ से बसपा सांसद रह चुके हैं। सांसद रहते हुए वे मेरठ के मेयर भी चुने गए। बसपा में लंबे समय से राजनीति चल रही है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से पहले शाहिद अखलाक ने लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।
इसके बाद पूर्व सांसद अखलाक समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। हालांकि उस वक्त उन्होंने कहा था कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। मेरठ-हापुड़ के बीच हाईवे पर शाहिद अखलाक और उनके परिवार के पास करोड़ों रुपये की जमीन है।
कमेला के ठेके से मीट प्लांट तक का सफर
मेरठ नगर निगम के पुराने कमेला को 2013 में अखिलेश सरकार में शहरी विकास मंत्री आजम खान ने ध्वस्त करवा दिया था। इस कमेले ने अखलाक परिवार और अन्य याकूब कुरैशी परिवार को बड़े मांस व्यापारियों की श्रेणी में ला दिया था। उनका मांस का धंधा मेरठ से शुरू हुआ और विदेशों तक पहुंच गया। नगर निगम द्वारा एक दिन में 332 भैंसों को काटन करने की अनुमति दी गई थी।
वर्ष 1991 में मेरठ के कामेले में अखलाक परिवार को मवेशी कटान का ठेका मिला। एक दिन में 332 पशुओं को वध करने की अनुमति दी गई थी, जबकि एक दिन में 10 हजार तक पशुओं का वध किया गया था। एक दिन की कमाई 25 लाख से 30 लाख तक पहुंच गई। साल 1999 में पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने हापुड़ रोड पर अपनी खुद की मीट फैक्ट्री लगाई। वहां से आज मांस की आपूर्ति खाड़ी देशों में की जाती है।
तोड़ा जाएगा याकूब कुरैशी का अवैध मीट प्लांट
याकूब कुरैशी फिलहाल पूरे परिवार के साथ फरार है। उसके अवैध मीट प्लांट को गिराने की तैयारी की जा रही है। वहीं, अस्पताल को सील कर दिया गया है। पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी, पत्नी संजीदा, पूर्व मंत्री के बेटों हाजी इमरान और हाजी फिरोज और दस अन्य के खिलाफ धारा 269, 270, 272, 275, 120 बी 420 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
पुलिस ने याकूब और पूरे परिवार के खिलाफ गैर जमानती वारंट लिया है। वहीं, एमडीए ने अवैध मीट प्लांट पर नोटिस लगाया है. याकूब के बाद अब अखलाक के मीट प्लांट की जांच शुरू हो गई है।

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