
सोमवार दोपहर को अंतरराष्ट्रीय गौ तस्कर अकबर बंजारा और उनके भाई सलमान के करीब 19 करोड़ रुपये के फार्म हाउस और दुकानों पर बुलडोजर चला। एमडीए और पुलिस प्रशासन ने इस फार्म हाउस को अवैध बताते हुए यह कार्रवाई की है। 10 मई को मुख्यमंत्री योगी के मेरठ पहुंचने से एक दिन पहले पुलिस ने कुख्यात भाइयों की अवैध संपत्तियां सीज कर दी थी। इससे पहले लिसाड़ी गेट में भी अवैध दुकानों को भी ध्वस्त जा चुका है।Read Also:-मेरठ : विवाहिता की पीट-पीटकर हत्या, पति और सुसरालियों पर गाला घोंट कर मार डालने का आरोप, पति गिरफ्तार, अन्य ससुराल वाले हुए फरार
19 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में मारे गए थे
13 अप्रैल को फलावडा, मेरठ निवासी अकबर, उसके भाई सलमान और शमीम को फलावडा पुलिस ने गोतस्करी में पकड़ लिया, जहां तीनों भाइयों को जेल भेज दिया गया। अगले दिन 14 अप्रैल को असम पुलिस मेरठ आई और पुलिस को दो लाख रुपये का इनाम देते हुए कहा कि अकबर बंजारा असम से दो लाख रुपये का इनाम घोषित था, जो बांग्लादेश में गोवंश की तस्करी करता था।
14 अप्रैल को ही असम पुलिस तीनों भाइयों को कोर्ट से बी वारंट पर ले गई थी। 19 अप्रैल को असम में एक मुठभेड़ में अकबर और सलमान मारे गए थे। पुलिस के मुताबिक ये माफिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गायों की तस्करी का धंधा करने के साथ-साथ हवाला के जरिए पैसे का लेन-देन भी करते थे। पुलिस की जांच में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। जांच में यह बात भी सामने आई कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी मवेशी तस्करी में शामिल थी।

300 करोड़ की अवैध संपत्ति बनाई
पूछताछ के दौरान दोनों माफिया बंधुओं ने यह भी बताया था कि इस अवैध धंधे की बड़ी रकम बीटीसी के एनडीएफबी, केएलओ के कोकराझार, चिरांग, बक्सा और मेघालय के कुछ चरमपंथी संगठनों के साथ-साथ दूसरे आतंकी संगठनों को भेजी जाती है। हवाला के जरिए चरमपंथियों तक पैसा पहुंचाया जाता है।
हवाला के पैसे का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में किया गया। हवाला का कारोबार हुंडी और गोल्ड दोनों रूपों में भी होता है। मवेशियों की तस्करी सोनकोश नदी से होती है। उन्होंने पुलिस को मवेशियों की तस्करी के लिए अपनाए जाने वाले रास्तों की भी जानकारी दी है। दस साल में मेरठ और असम में 300 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति बनाई गई।
मेरठ में बड़े पैमाने पर खरीदी जमीन
सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया का कहना है कि बंजारा के लिसाड़ी गेट में फैज-ए-आम गार्डन बजौट रोड पर 615 मीटर जमीन पर फार्म हाउस और पांच दुकानें थीं। इसकी कीमत करीब 2.2 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह नक्शा एमडीए से पास नहीं हुआ था। इसे मजिस्ट्रेट के आदेश पर हटा दिया गया था। इससे पहले लिसाडिगेट में 22 दुकानों को तोड़ा गया था। अन्य संपत्तियों की जांच की जा रही है।

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।