अगर मेरठ में 2 अप्रैल और 29 अप्रैल को देखा जाये तो मेरठ में फिर भी कुछ हद तक कोरोना नियंत्रण में दिखाई दे रहा है लेकिन मेरठ में फिर अभी अभी कोरोना के बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में भर्ती हैं
मेरठ में पिछले 15 दिन में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से गिरनी शुरू हुई।
- दो अप्रैल को मरीजों की संख्या दोगुनी होने की रफ्तार सवा दो दिन था
- जो 27 अप्रैल तक बढ़कर 38 दिन पहुंच चुका है।
- मरीजों की रिकवरी रेट भी राष्ट्रीय औसत से बेहतर साबित हुई है।
जिले में 27 मार्च को शास्त्रीनगर सेक्टर-13 में पहला मरीज मिला, जिसके बाद 27 अप्रैल तक कुल 93 मरीज हो गए।
- अब तक कुल 25 हाट स्पाट से 97 मरीज मिल चुके हैं।
- पहले केस के साथ संक्रमण का पारा चढ़ने लगा।
- मेरठ शहर के शास्त्रीनगर, सरूरपुर, मवाना, लखीपुरा और जलीकोठी से मरीजों की बड़ी चेन मिली।
- रफ्तार का आंकड़ा बढ़ता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी दौरा प्रस्तावित हुई, जिसमें अंतिम क्षणों में परिवर्तन हुआ। किंतु सीएम योगी ने प्रदेश से चिकित्सा शिक्षा सचिव रजनीश दूबे को मेरठ भेजा।
- उन्होंने तीन दिनों तक रुककर जिले की स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल कालेज की तैयारियों की समीक्षा की।
उधर, संक्रमित स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन की टीम ने पहुंचकर तत्परता से सीलिंग की। संपर्क वालों को क्वारंटीन कर कोरोना संक्रमित होने से रोका।
डा. राजकुमार, सीएमओ, मेरठ –
कोविड-19 पर नियंत्रण की दिशा में प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कड़ी मेहनत की। नतीजा साफ है। मरीजों की रिकवरी रेट बेहतर है। दो से 27 अप्रैल के बीच मरीजों की ग्रोथ रेट 37.50 फीसद से गिरकर 1.82 फीसद पहुंच गई। डिस्चार्ज मरीजों की संख्या संक्रमित मरीजों से ज्यादा हो चुकी है।