
मेरठ में सेना में तैनात एक मेजर ने अपनी पत्नी को इतनी बेरहमी से पीटा कि सुनने और देखने वाले भी हैरान रहे गए। यह घटना बुधवार को हुई। उसके बाद एक अन्य अधिकारी ने महिला को मिलिट्री अस्पताल में भर्ती करवाया।Read Also:-UP : दिल्ली से गाजियाबाद शराब की बोतल लाये तो अब खैर नहीं, जेल की हवा खानी पड़ सकती है और वाहन भी हो जायेगा सीज
जहां बाद में मेजर और अन्य लोगो ने उसको निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला के पिता जब बेंगलुरु से मेरठ पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की गई। पूरे मामले में पुलिस ने पीड़िता को मेडिकल जाँच के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है।
महिला की शादी दिसंबर 2014 हुई थी
मेरठ के रहने वाले सुदेशपाल सिंह अपने परिवार के साथ बेंगलुरु में रहते हैं। उन्होंने अपनी बेटी पूजा तोमर (31) की शादी दिसंबर 2014 में एक आर्मी ऑफिसर से कर दी थी। फिलहाल वह मेरठ में आर्मी में मेजर के पद पर तैनात हैं।
पूजा का कहना है कि शादी के बाद से पति व अन्य ससुराल वाले प्रताड़ित करते रहे हैं। पिता ने खूब दहेज दिया। उसके बाद भी मेजर पति बहुत प्रताड़ित करते थे।
पंचायत भी हुई कई बार
पूजा ने बताया कि मेजर पति के द्वारा उसे इतनी बेरहमी से पीटा जाता कि मैं बता भी नहीं सकती। शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना होती थी। पहले समाज के लोगों के बीच पंचायतें भी हुई थीं। जिसमें कहा गया था कि अब कभी परेशान नहीं करेगें। 7 जून की रात को मेजर पति ने उसे बुरी तरह पीटा, उसके बाद 8 जून को वह फिर जमीन पर गिरा कर लात-घूंसों से मारा। मैं अपनी जान बचाने के लिए गेट की तरफ भागी।
उंगली भी काट दी
पूजा ने बताया कि मेजर पति ने उसे बहुत बुरी तरह बेरहमी से मारा। केवल मैं बच ही गई। मेरे हाथ की उँगली कट कर गिर गई, मुझे ये भी पता नहीं भी नहीं कि किस चीज से वार किया था। शोर सुनकर अन्य अधिकारी पहुंचे और मुझे बचाया। जिसके बाद अन्य अधिकारी ही मुझे अस्पताल ले कर गए।

पिता व परिजनों को भी पीटा
महिला के पिता सुदेश पाल सिंह बुधवार को दिल्ली आए थे। जहां बेटी ने दूसरे के मोबाइल फ़ोन से नंबर मिला कर से पिता को आपबीती सुनाई। बाद में महिला के पिता मेरठ पहुंचे। पिता सुदेश पाल सिंह तोमर ने बताया कि ससुराल वालों ने मेरी बेटी को अपने परिचित के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में मुझे और हमारे रिश्तेदारों को भी पीटा गया।
पूजा ने बताया कि मेरा एक छोटा बेटा है, पति मेरे पिता द्वारा दहेज में दी गई कार पति ही चलाता है। मैं नौकरी के लिए तैयारी कर रही हूं। मुझे कोई खर्चा भी नहीं दिया जाता है। बस हर समय प्रताड़ित किया। कब तक मैं जुल्म सहती रहूं ? मैं बता भी नहीं सकती कि मेरे साथ क्या क्या हुआ। बस जान से मरना ही बचा है।
इंस्पेक्टर का बयान
इंस्पेक्टर सदर बाजार देव सिंह रावत ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। महिला को मेडिकल के लिए भेजा गया है। एएसपी कैंट ने दोनों पक्षों को बुलाया है।

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