
मेरठ में मीट फैक्ट्री के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई यानी 26 अप्रैल तक फैक्ट्री गिराने पर रोक लगा दी है। अब कोर्ट 26 अप्रैल को मामले की विस्तार से सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि मेरठ विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने 31 मार्च को पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी, मैसर्स अल हसन मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड की मीट फैक्ट्री को सील कर दिया था। फैक्ट्री ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया है। जिसके तहत 15 दिन में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जानी थी। पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की कंपनी की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले को चुनौती दी गई थी।Read Also:-उत्तर प्रदेश : बाहर ना आए आवाज, मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर पर हुई सख्ती, मंदिरों-मस्जिदों को नोटिस
फिलहाल मुकदमे की सुनवाई टली
वहीं, याकूब कुरैशी और इससे जुड़े उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले में सुनवाई टाल दी गई है। दरअसल हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रहे जज ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है। जिसके चलते सुनवाई स्थगित कर दी गई है। पीठ ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया है। अब मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित पीठ 22 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगी।
इस मामले में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उनके परिवार को राहत न मिलने के कारण गिरफ्तारी की तलवार अभी लटकी हुई है। दरअसल, पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी, उनकी पत्नी संजीदा बेगम और बेटों इमरान और फिरोज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हाई कोर्ट में दायर याचिका में हाजी याकूब कुरैशी और परिवार के अन्य सदस्यों ने कोर्ट से एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की है।

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