मेरठ: हादसे से पल भर में उजड़ गया पूरा परिवार, तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से पति पत्नी व इकलौते बेटे की मौत, गांव से दिवाली मनाकर आ रहे थे घर

0
680
मेरठ: हादसे से पल भर में उजड़ गया पूरा परिवार, तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से पति पत्नी व इकलौते बेटे की मौत, गांव से दिवाली मनाकर आ रहे थे घर
अपने बेटे अंशुल के साथ माँ मीनू (पीले सूट में) (फाइल फोटो)

मेरठ में एनएच 58 पर सोमवार की शाम तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार 3 लोगों को कुचल दिया। रात में मरने वालों की पहचान सेवानिवृत्त सिपाही कृष्णपाल (42), उनकी पत्नी मीनू (38) और इकलौता बेटा अंशुल (11) के रूप में हुई है। पुलिस को मौके पर मिले मोबाइल फोन नंबर और पल्सर बाइक के नंबर के आधार पर शवों की शिनाख्त करने का प्रयास करती रही। बाद में पुलिस ने जब मोबाइल का लॉक खोला तो एक नंबर पर कॉल का पता चला। परिवार के 3 लोगों की मौत के बाद एक पल में पूरा परिवार बिखर गया।Read Also:-मेरठ: ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवार 3 की मौत, तीनों एक ही परिवार के होने की आशंका, मरने वालों में एक बच्चा भी था; पहचान जारी है

मेरठ: हादसे से पल भर में उजड़ गया पूरा परिवार, तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से पति पत्नी व इकलौते बेटे की मौत, गांव से दिवाली मनाकर आ रहे थे घर

बागपत जिले के दोघाट थाना क्षेत्र के बादल धनौरा निवासी कृष्णपाल (42) पुत्र इंद्रपाल सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। 3 साल पहले सेना से सेवानिवृत्त हुए उन्होंने मेरठ के परतापुर इलाके के इंद्रपुरम में अपना घर बनाया था। जहां कृष्णपाल अपनी पत्नी मीनू और इकलौते बेटे अंशुल के साथ रह रहे थे। दिवाली के दिन तीनों बाइक से अपने पैतृक गांव बादल धनौरा में त्योहार मनाने गए थे। सोमवार दोपहर तीनों बाइक से मेरठ आ रहे थे। जब वे हाईवे पर कंकरखेड़ा इलाके में पहुंचे तो पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने तीनों को कुचल दिया.

हेलमेट भी नहीं बचा पाया जान
इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा ने बताया कि कृष्णपाल ने बाइक चलाते समय हेलमेट लगा रखा था। बेटा बीच में बैठा था। जबकि पत्नी बैग लेकर बाइक पर पिछली सीट पर थी। इस पल्सर के पीछे ट्रक नंबर यूपी 62 बीटी 9465 जा रहा था। कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के शोभापुर गांव के पास तेज रफ्तार से आ रहे ट्रक ने बाइक सवार तीनों को कुचल दिया. घटना में तीनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

हाँ मैं घर पहुँच कर फ़ोन करूँगा
रात में जब कंकरखेड़ा पुलिस ने कृष्णपाल के फोन से एक नंबर पर कॉल की तो सेवानिवृत्त सिपाही की भतीजी रेणु ने फोन उठाया। जिसके बाद आवाज आई कि चाचा घर पहुंच गए हैं। लेकिन परिवार को क्या पता था कि एक हादसे ने उनके पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया। बाद में पुलिस ने बताया कि उन्हें चोटें आई हैं। जिसके बाद गांव में परिवार की बेचैनी बढ़ गई। बाद में ग्रामीण व परिजन रात में मेरठ पहुंचे। परिजनों ने बताया कि चलते-चलते कृष्णपाल ने कहा था कि मैं मेरठ घर पहुंचकर फोन कर लूंगा, चिंता मत करो.

बेटे से कहा करते थे कि मैं तुम्हें सेना में भेजूंगा
घटना के बाद से परिवार के सदस्यों की हालत काफी खराब थी। घरवालों ने बताया कि कृष्णपाल हमेशा कहता था कि एक बेटा है अंशुल, इतना ही काफी है। इसको पढ़ा लिखा कर मैं इसे सेना में ही भेजूंगा। लेकिन परिवार को यह नहीं पता था कि 11 साल की उम्र में ही अंशुल अपने परिवार को छोड़ देगा।

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here