Wednesday, May 31, 2023
No menu items!

बिजनौर में विधायक के पीए ने डीएफओ से की बदसलूकी, एसपी ने नहीं लिखी रिपोर्ट, सरकार ने किया सस्पेंड

Must Read
The Sabera Desk
The Sabera Deskhttps://www.thesabera.com
Verified writer at TheSabera

बिजनौर। अमनगढ़ क्षेत्र में निर्माण को लेकर भाजपा विधायक व डीएफओ बिजनौर के बीच उठा विवाद डीएफओ के निलंबन के बाद समाप्त हो गया। मामला विधायक प्रतिनिधि नितिन व डीएफओ के बीच विवाद का है, जहां अमनगढ़ सफारी क्षेत्र के केहरीपुर में एक व्यक्ति द्वारा निजी जमीन पर भवन का निर्माण कराया जा रहा था. जिसकी शिकायत विधायक प्रतिनिधि नितिन ने नियमों का हवाला देकर डीएफओ से रोकने की मांग की थी. डीएफओ ने कहा कि उक्त निर्माण हमारे वन विभाग के अधीन नहीं है।

विधायक के प्रतिनिधि नितिन पर डीएफओ अनिल पटेल से बदसलूकी करने का आरोप है, जिसकी शिकायत डीएफओ ने पुलिस अधीक्षक बिजनौर को लिखित शिकायत करते हुए नितिन के खिलाफ रिपोर्ट की मांग करते हुए डीएम से की थी. तीन दिन तक पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं करने के कारण डीएफओ लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने संघ स्तर पर भी विभागीय उच्चाधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया. हालांकि प्रताड़ित डीएफओ की कोई सुनवाई नहीं हुई बल्कि उन्हें निलंबित कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार बढ़ापुर क्षेत्र से भाजपा विधायक कुंवर सुशांत सिंह ने डीएफओ अनिल पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्रवाई की मांग की थी. जिसके बाद डीएफओ का तबादला कर दिया गया, लेकिन इस आदेश के तुरंत बाद निलंबन की कार्रवाई की गई. उनके स्थान पर सफारी इटावा पार्क से अरुण कुमार को डीएफओ बिजनौर के पद पर भेजा गया है.

इस घटना में बेइज्जत होकर जिले से लेकर राज्य स्तर तक गुहार लगाने वाले डीएफओ अनिल पटेल के खिलाफ इस एकतरफा कार्रवाई ने सरकार के फैसले पर सवाल खड़ा कर दिया है. कई दिनों तक मीडिया में चर्चा में रहे इस घटना के बाद डीएफओ के खिलाफ की गई कार्रवाई से जनता में सरकार की छवि काफी प्रभावित हुई है. माना जा रहा है कि विपक्ष के लिए आने वाले चुनाव में इस मुद्दे का इस्तेमाल सरकार को घेरने के लिए किया जा सकता है। स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि विधायक प्रतिनिधि के खिलाफ कार्रवाई न कर डीएफओ को सजा देना न्यायोचित नहीं कहा जा सकता. इसमें खुद सरकार की छवि को ही नुकसान पहुंचा है। भविष्य में विधायक प्रतिनिधि के सामने अन्य अधिकारी दबाव महसूस करेंगे।

एक जिला स्तरीय अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर जवाब देते हुए स्वीकार किया कि विधायक निर्वाचित जनप्रतिनिधि होते हैं, उनकी जवाबदेही होनी चाहिए, लेकिन विधायक प्रतिनिधि द्वारा अभद्रता करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, इसके विपरीत डीएफओ को दंडित करना बेहतर है। . संदेश नहीं भेजा गया। अब अधिकारी सही निर्णय लेते समय भी दस बार सोचेगा।

.

News Source: https://royalbulletin.in/in-bijnor-mlas-pa-misbehaved-with-dfo/1387

- Advertisement -बिजनौर में विधायक के पीए ने डीएफओ से की बदसलूकी, एसपी ने नहीं लिखी रिपोर्ट, सरकार ने किया सस्पेंड

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -बिजनौर में विधायक के पीए ने डीएफओ से की बदसलूकी, एसपी ने नहीं लिखी रिपोर्ट, सरकार ने किया सस्पेंड
Latest News

कर्नाटक के पूर्व सीएम शेट्टार ने कहा, मुझे अपनी हार का दुख नहीं है, इस बार लोकसभा चुनाव में भी स्थिति बदलेगी.

हुबली (कर्नाटक)कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, जिन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा से कांग्रेस में...

Big leak ahead of WWDC 2023! This is what an Apple Mixed Reality headset could look like

In just 5 more days, the Apple Worldwide Developers Conference (WWDC) 2023 will go live. And this year's event is special. Not...

पूर्व पीएम वीपी सिंह की पोती के पति ने भी लगाए आरोप- पति के दोस्त प्रशांत मलिक को बताया बाहुबली, मांग रहे 100 करोड़!

देहरादून , पूर्व पीएम वीपी सिंह की पोती आद्रीजा मंजरी सिंह के बाद अब उनके पति और उड़ीसा के पोते अर्केश सिंह ने अपनी...

हल्द्वानी : वर्कशॉप में खड़ी कारों में लगी भीषण आग, दमकल कर्मी आग बुझाने में बाल-बाल बचे.

हल्द्वानी : काठगोदाम क्षेत्र में देर रात दो कारों में आग लग गयी. आग पकड़ना स्रोत . This news was generated and auto-published on The Sabera....

Latest Breaking News