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मोदी सरकार शुरू करने जा रही है अपनी ऑनलाइन दुकान! बड़ी संख्या में होगा छोटे खुदरा विक्रेताओं को लाभ, सरकार ने शुरू किया पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट

ओएनडीसी एक यूपीआई-प्रकार का प्रोटोकॉल है और इस अभ्यास का उद्देश्य तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र को दूरस्थ क्षेत्रों में ले जाना है, छोटे खुदरा विक्रेताओं और अग्रणी ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं की मदद करना है।Read Also:-मेरठ : गौ तस्कर अकबर बंजारा का अवैध परिसर (Complex) धवस्त किया गया , एक साथ 16 जगह गरजने लगे एमडीए (MDA) के बुलडोज़र

डिजिटल पेमेंट की दुनिया में UPI मील का पत्थर साबित हुआ है। जिस तरह UPI ने ऑनलाइन पेमेंट में बदलाव किया है, उसी तरह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का प्रयास है कि भारत में ऑनलाइन ई-कॉमर्स की दुनिया में एक ऐसा प्लेटफॉर्म लाया जाए, जिससे बड़ी संख्या में छोटे रिटेलर्स और कंपनियों को फायदा हो सके। जैसे Amazon और Walmart पर भी लगाम लगाई जा सकती है। सरकार ने पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किए हैं।

भारत ने शुक्रवार को पांच शहरों में डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) के पायलट चरण की शुरुआत की। ओएनडीसी एक यूपीआई-प्रकार का प्रोटोकॉल है और इस पूरी कवायद का उद्देश्य तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र की पहुंच दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाना, छोटे खुदरा विक्रेताओं की मदद करना और ऑनलाइन दिग्गजों के प्रभुत्व को कम करना है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, “यूपीआई के बाद, वाणिज्य को लोकतांत्रिक बनाने के लिए एक और आमूलचूल परिवर्तन विचार – ओएनडीसी आज चुनिंदा उपभोक्ताओं, विक्रेताओं और रसद प्रदाताओं के लिए लॉन्च किया गया। पसंद, सुविधा और पारदर्शिता की दुनिया के लिए तैयार हो जाइए।

इन पांच शहरों में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
पायलट चरण का लक्ष्य पांच शहरों – दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, भोपाल, शिलांग और कोयंबटूर में 150 खुदरा विक्रेताओं को जोड़ना है। इस पहल का उद्देश्य दो बड़ी बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों (अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट) के प्रभुत्व को रोकना है। ये कंपनियां देश के आधे से अधिक ई-कॉमर्स व्यवसाय को नियंत्रित करती हैं, बाजार तक पहुंच सीमित करती हैं, कुछ विक्रेताओं को वरीयता देती हैं और आपूर्तिकर्ताओं के मार्जिन को कम करती हैं।

इस बारे में जानकारी देते हुए, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि ओएनडीसी मानकों का एक सेट है जिसे विक्रेता या रसद प्रदाता या भुगतान गेटवे स्वेच्छा से अपना सकते हैं। वर्तमान में 80 फर्म ओएनडीसी के साथ काम कर रही हैं और वे एकीकरण के विभिन्न चरणों में हैं। ये कंपनियां विक्रेताओं, खरीदारों, लॉजिस्टिक्स या पेमेंट गेटवे के लिए अपने ऐप बना रही हैं।

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