
देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर चल रहे बवाल के बीच एक अच्छी खबर है। भारत सरकार ने ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। भारत 50 लाख बैरल कच्चा तेल छोड़ने पर राजी हो गया है। भारत सरकार का यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अहम माना जा रहा है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी 50 मिलियन कच्चा तेल छोड़ने की घोषणा की थी। भारत का यह फैसला अमेरिकी सरकार से प्रेरित माना जा रहा है।Read Also:-मेरठ: साप्ताहिक बंदी का पुराना नियम लागू, पुराने रोटेशन के हिसाब से सप्ताह में एक दिन शहर के बाजार बंद रहेंगे

खाड़ी देशों से कच्चे तेल की सीमित आपूर्ति को देखते हुए भारत समेत दुनिया के कई देशों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हाल ही में भारत ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करके ईंधन की कीमतों में कमी की। न केवल केंद्र बल्कि कई राज्य सरकारों ने भी वैट कम किया, जिससे ईंधन की कीमतों में कमी आई। फिलहाल कच्चे तेल की आपूर्ति कम होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमत देखने को मिल रही है।
खाड़ी देशों के अनुरोध के बावजूद तेल उत्पादक देश कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं। इससे पूरी दुनिया में तेल की कमी हो गई है। इसके चलते पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। लेकिन अब अमेरिकी सरकार ने 50 मिलियन बैरल तेल खोलने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि अमेरिका के फैसले के बाद भारत भी 50 लाख बैरल रिलीज कर सकता है। इससे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।
मीडिया सूत्रों का कहना है कि भारत अमेरिकी सलाह के बाद यह कदम उठाने जा रहा है। इसके पीछे आने वाले साल में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। रणनीति के तहत तेल के भंडार खोले जाएंगे और तेल की आपूर्ति पर्याप्त होगी। इससे ईंधन की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।

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