नगर आयुक्त के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त श्रद्धा शांडिल्यान ने नगर निगम के 32 अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अपर नगर आयुक्त ने बताया कि शासन के आदेश के बावजूद इन अधिकारियों ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडरों के आवेदन को लेकर लापरवाही बरती है। इन अधिकारियों की लापरवाही से मेरठ नगर निगम की छवि प्रभावित हो रही है। मेरठ प्रदेश के नगर निगमों में आठवें स्थान पर आ गया है।
अपर नगर आयुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि लोन योजना के तहत स्ट्रीट वेंडरों को 10-10 हजार रुपये का लोन उपलब्ध कराना है ताकि कोरोना काल में उन्हें राहत मिल सके। मेरठ नगर निगम क्षेत्र में 8079 वेंडर चिह्नित हैं। अब तक मात्र करीब 1200 वेंडरों का डाटा ही फीड किया जा सका है, जबकि इसके लिए तीन कर निर्धारण अधिकारी, नौ कर अधीक्षक और 20 राजस्व निरीक्षकों को जिलममेदारी दी गई थी।
अब इस मामले में लापरवाही बरतने पर इन सभी 32 अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब मांगा गया है कि क्यों न इन सभी के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेज दी जाए।