नेशनल हेल्थ अथारिटी के अनुसार ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ के हेल्थ आइडी, डिजीडाक्टर, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री, पर्सनल हेल्थ रिकार्ड, ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसीन छह प्रमुख स्तंभ होंगे। यह काफी हद तक पहले से चल रही आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर काम करेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना के तहत शामिल होने वाले डाक्टरों की डिजिटल सूची तैयार की जाएगी, जिसे डिजीडाक्टर के नाम से जाना जाएगा। कोई भी व्यक्ति डिजीडाक्टर के माध्यम से अपनी बीमारी से संबंधित बेहतर डाक्टर से संपर्क कर सकता है।
इसी तरह से इस योजना के तहत पंजीकृत होने वाले अस्पतालों और जांच करने वाली लैब की अलग से डिजिटल सूची तैयार की जाएगी। इन अस्पतालों व लैब में होने वाले सभी इलाज और जांच डिजिटल रूप में पर्सनल हेल्थ रिकार्ड में रखा जाएगा। जाहिर है जो डाक्टर और अस्पताल इस योजना में शामिल नहीं होंगे, उनका डिजिटल रिकार्ड भी उपलब्ध नहीं होगा। लेकिन कोई व्यक्ति यदि व्यक्तिगत रूप से अपने मेडिकल रिकार्ड को इसमें अपलोड करना चाहे तो उसे इसकी छूट होगी।
नेशनल हेल्थ अथारिटी के डिप्टी सीईओ डाक्टर प्रवीण गेडान ने उम्मीद जताई कि देश के अधिकांश डाक्टर और अस्पताल इस योजना में शामिल होंगे और आम जनता का सार मेडिकल रिकार्ड डिजिटल रूप में सामने होगा। ई-फार्मेसी के तहत लोगों को घर तक सस्ती दवाइयां पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं टेली-मेडिसिन के तहत घर बैठे डाक्टरों की सलाह ली जा सकती है। इन सभी प्लेटफार्म का उद्देश्य आम जनता को सर्वसुलभ, बेहतरीन और सस्ता चिकित्सा उपलब्ध कराना होगा।