एक दिन नहीं, पूरे साल चले आत्मरक्षा की क्लास, लगातार प्रशिक्षण के बिना छात्राओं को नहीं मिलता लाभ

0
425

बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए समय-समय पर स्कूल-कालेजों में प्रशिक्षण शिविर लगाए जाते हैं। वर्तमान में प्रदेश सरकार की ओर से भी मिशन शक्ति के अंतर्गत हर जगह छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाया जा रहा है। लेकिन यह शिविर और इससे जुड़ी तमाम योजनाएं केवल कागजों पर ही सफलता की कहानी बयां कर रहे हैं। हकीकत में अब तक हुए इन शिविरों का कोई लाभ उन्हें नहीं मिला है।एक दिन नहीं, पूरे साल चले आत्मरक्षा की क्लास, लगातार प्रशिक्षण के बिना छात्राओं को नहीं मिलता लाभशिविर के बाद सीखे हुए तौर-तरीकों का एक एक भी दिन अभ्यास न करने के कारण शिविर का कोई लाभ नहीं मिल पाता है। मिशन शक्ति के अंतर्गत भी हर जिले के विभिन्न स्कूलों में मार्शल आट्र्स के इस्तेमाल से स्वयं को सुरक्षित रखने की जानकारी दी जा रही है, लेकिन स्कूलों, छात्राओं व अभिभावकों की चिंता यही है कि बिना प्रशिक्षण छात्राएं मनचलों का सामना किस तरह कर सकेंगी। किसी भी खेल से जुड़ी बालिकाएं काफी हद तक शारीरिक और मानसिक रूप से अपनी सुरक्षा के लिए सक्षम होती हैं लेकिन अन्य छात्राओं के लिए यह शिविर महज एक दिन का एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी मात्र बनकर रह जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here