
उत्तर प्रदेश के कौशांबी के जिला अस्पताल में एसएनसीयू (सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट) में वॉर्मर मशीन के हीटिंग पैड पर एक नवजात शिशु को जिंदा जल गया। बच्चे का शरीर नीला पड़ गया था। वॉर्मर इतनी गर्म हो गई थी कि बच्चे के सीने से लेकर पेट तक की त्वचा बुरी तरह जल गई थी। उसके शरीर से धुआं निकलने लगा।

वॉर्मर मशीन पर रखने के बाद स्टाफ ने बच्चे को नहीं देखा
अस्पताल स्टाफ ने यह देखा तो उसके हाथ-पैर फूल गए। तुरंत डॉक्टरों को सूचना दी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक सेठ और एसएनसीयू के ड्यूटी डॉक्टर जब तक वार्ड पहुंचे तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी.

परिवार ने अस्पताल में किया हंगामा
इस घटना से नाराज बच्चे के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. मंझनपुर पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें समझाया तो वे शांत हुए. परिजनों का आरोप है कि एसएनसीयू वार्ड का स्टाफ मोबाइल में व्यस्त था. उसने बच्चे पर ध्यान ही नहीं दिया।
महिला 14 अगस्त को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंची थी
फतेहपुर के गांव हरिश्चंद्रपुर निवासी जुनैद अहमद ने अपनी पत्नी मेहिलिका को 14 अगस्त को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. मेहिलिका ने शाम 6.15 बजे बेटे को जन्म दिया. परिवार के लोग बहुत खुश थे। उन्हें यकीन था कि छुट्टी मिलने के बाद वह घर चले जाएंगे, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है और उसे एसएनसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.
पूरी रात परिवार के सदस्यों को नवजात के पास नहीं जाने दिया गया। रविवार की सुबह जब बच्चे की नानी शबाना उसे देखने गई तो बच्ची का शरीर नीला पड़ चुका था और उसके शरीर से धुआं निकल रहा था. छाती और पेट का हिस्सा फट रहा था।
एक डॉक्टर ने कहा- मुझसे गलती हो गई है, मुझे माफ कर दो
पिता जुनैद ने बताया कि जब उन्होंने इस घटना के बारे में एक डॉक्टर से सवाल किया तो उन्होंने कहा- ”माफ करना, गलती हो गई. इतना कहकर वह चला गया, फिर नजर नहीं आया. उसका नाम मुझे नहीं पता, लेकिन दुबारा सामने आये ” तब मैं पहचान लूंगा।”
मामले की जांच शुरू
इंस्पेक्टर मनीष पांडे ने बताया कि नवजात के पिता जुनैद अहमद की शिकायत पर मामले की जांच की जा रही है. वहीं सीएमएस डॉ. दीपक सेठ ने भी कहा है कि जांच कराई जाएगी. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।