नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर हत्या और टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए यासीन मलिक को मौत की सजा देने की मांग की है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ याचिका पर 29 मई को सुनवाई करेगी।
एनआईए ने कहा है कि यासीन मलिक को इस आधार पर मौत की सजा नहीं देने का फैसला कि उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है, सजा की नीति पर सवाल खड़ा करता है। देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले एक आतंकवादी ने फांसी से बचने के लिए कबूलनामे का रास्ता चुना है।
पटियाला हाउस कोर्ट ने 25 मई 2022 को हत्या और टेरर फंडिंग मामले में दोषी यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने यासीन मलिक को यूएपीए की धारा 17 के तहत उम्रकैद और 10 लाख रुपये के जुर्माने, धारा 18 के तहत दस साल की कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने, धारा 20 से दस साल के जुर्माने और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. 10,000। धारा 38 व 39 के तहत पांच साल कैद व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने यासीन मलिक को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत दस साल की कैद और दस हजार रुपये के जुर्माने, भारतीय दंड संहिता की धारा 121ए के तहत दस साल की कैद और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा था कि यासीन मलिक को सुनाई गई ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यानी अधिकतम उम्रकैद की सजा और दस लाख रुपये का जुर्माना प्रभावी होगा.
यासीन मलिक ने 10 मई 2022 को अपना जुर्म कबूल कर लिया। 16 मार्च 2022 को कोर्ट ने हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मसर्रत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वटाली, बिट्टा कराटे, आफताफ अहमद शाह, अवतार अहमद को आदेश दिया। शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट उर्फ पीर सैफुल्ला व अन्य। आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। एनआईए के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की स्थापना की गई।
एनआईए के मुताबिक हाफिद सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं की मिलीभगत से हवाला और अन्य माध्यमों से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पैसों का लेन-देन किया. उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए किया। गृह मंत्रालय से इस बारे में जानकारी मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत मामला दर्ज किया था. .
.
This news was generated and auto-published on The Sabera. The Sabera don’t have any right to change any content and don’t take responsibility of the content. News Source: royalbulletin [dot] in