कोविड-19 महामारी ने बदला खर्च का पैटर्न, प्राथमिकताओं में आया परिवर्तन

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कोविड-19 महामारी फैलने से रोकने के लिए कई महीनों तक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन रहा। इसके चलते लोग घरों में ही बंद रहे और उनकी कई आदतें बदल गई। खर्च का पैटर्न बदला और प्राथमिकताओं में भी काफी परिवर्तन आया। कोरोना काल में खर्च करने के तरीकों से पता चलता है कि लोग स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित हैं।

मांग पूरी करना चुनौतीपूर्ण 

फ्लिपकार्ट के मुताबिक जुलाई में जूसर, मिक्सर, माइक्रोवेव और टोस्टर के लिए सर्च चार गुना बढ़ा है। जुलाई में वैक्यूम क्लीनर जैसे हाइजीन उपकरणों की मांग कोरोना के पहले वाले दौर के मुकाबले करीब चार गुना बढ़ गई है। हालत यह है कि आईएफबी जैसी कुछ कंपनियों ने डिशवॉशर के नए ऑर्डर लेना बंद कर दिया है, क्योंकि वे मांग पूरी नहीं कर पा रही हैं। सैलून बंद होने से ट्रिमर जैसे मेल और फीमेल ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स की मांग भी बहुत बढ़ गई है।

वैकल्पिक फंडिंग का सहारा 

कोविड-19 ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में लोग गुजारा करने के लिए सोना गिरवी रखकर लोन ले रहे हैं। इससे गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों का बिजनेस बढ़ गया है।

दुनियाभर में लोग स्वास्थ्य की देखभाल और इम्युनिटी बढ़ाने को लेकर सतर्क हो गए

डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट की मांग तेज

डिजिटल सेवाओं की लोकप्रियता बढ़ी 

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