सीएए के विरोध में हुए दंगे के बाद जावेद आफताब पुलिस के निशाने पर आ गया। पुलिस ने उसकी घेराबंदी शुरू कर दी थी। एक महीने से ज्यादा समय से जावेद आफताब अलीगढ़ में अपनी बहन के घर पर रह रहा था। इसका पता चलते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।
1990 में बिजनौर में हुए दंगे में भी जावेद आफताब को जेल भेजा गया था। तब भी पुलिस ने अपनी जांच में दंगों में उसकी बड़ी भूमिका पाई थी। जावेद पर अपने समुदाय के लोगों को भड़काने के आरोप लगे थे। इसके बाद जावेद आफताब राजनीति में भी सक्रिय रहा। कभी सपा तो कभी बसपा में रहा। 20 दिसंबर को सीएए के विरोध में बिजनौर में हुए उपद्रव में जावेद की भूमिका पाई गई।
पुलिस ने जावेद आफताब सिद्दीकी को शाम करीब साढ़े चार बजे सीजेएम कोर्ट में पेश किया। न्यायालय को बताया गया कि जावेद के घर से अवैध पिस्टल, 162 कारतूस और भड़काऊ सामग्री बरामद की है।
एसपी संजीव त्यागी ने बताया कि सोमवार को पुलिस ने अलीगढ़ के सर सैयदनगर से जावेद आफताब को गिरफ्तार किया था। बिजनौर लाकर उससे कड़ाई से पूछताछ की गई। पूछताछ में पता चला कि वह बिजनौर जिले में दंगा कराने की साजिश रच रहा था। उसने सीएए को लेकर हुए विरोध के समय दंगे में अपनी भूमिका कबूल की है।