मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक में शामिल होने के दौरान कोरोना पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने एनसीआर के जिलों में कोरोना नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को उत्तर प्रदेश में कोरोना की स्थिति, इलाज के लिए चिकित्सा सुविधाओं और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए राज्य की तैयारियों के बारे में बताया और कहा कि राज्य में कोरोना को देखते हुए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।Read Also:-सावधान रहे! नया वेरिएंट ( New Variants) हालत खराब कर सकता, कोरोना चुनौती टली नहीं है, सतर्क रहे, पीएम नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा,
राज्य में 508 ऑक्सीजन प्लॉट चालू हैं। लोगों के लिए 42 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही प्रदेश में 6000 स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकालीन कोविड राहत पैकेज के रूप में प्राप्त धनराशि का उपयोग राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीआर के दो जिलों गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में बढ़ते मामलों को देखते हुए हमने इन दोनों जिलों के साथ-साथ पूरे एनसीआर और लखनऊ में फेस मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। हम हर दिन 1.25 लाख से 1.5 लाख कोविड टेस्ट कर रहे हैं। पॉजिटिव पाए गए लोगों के सैंपल लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग भी की जा रही है। अब तक के सभी परिणाम पुष्टि करते हैं कि यह Omicron या इसका उप-संस्करण है।
प्रदेश में फिलहाल सिर्फ 1384 एक्टिव केस
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जीवन और रोजी-रोटी दोनों बचाने का काम किया। कोरोना महामारी के बावजूद राज्य के राजस्व में 25 फीसदी और निर्यात में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। राज्य कोरोना को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में सफल रहा है। वर्तमान में कुल 1384 एक्टिव केस हैं और 19 भर्ती हैं। ये लोग पहले से ही तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हैं। राज्य में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 1.87 फीसदी है।
राज्य में यह कोरोना मामले का एक मिलियन में सिर्फ 6 है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक 11 करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं और कुल 31.26 करोड़ टीके लगवाए जा चुके हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक दी गई है। वहीं, दोनों डोज 87 फीसदी वयस्क लोगों को दी गई है। 15 से 17 वर्ष के आयु वर्ग में 94 प्रतिशत लोगों को पहली खुराक दी गई है और 65 प्रतिशत लोगों को दोनों दिया गया है। 12 से 14 वर्ष के आयु वर्ग में पहली खुराक के बाद पात्रता के अनुसार दूसरी खुराक दी जा रही है।
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