Home Breaking News उच्च शिक्षा में शोध को मिलेगा बढ़ावा: कुलपति

उच्च शिक्षा में शोध को मिलेगा बढ़ावा: कुलपति

नई शिक्षा नीति से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के साथ शोध की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। उच्च शिक्षा में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को इसमें पारदर्शी बनाया गया है। एमफिल को खत्म करके उसकी जगह पीएचडी के स्तरों का उन्ययन करना महत्वपूर्ण बदलाव होगा। यह कहना है चौ. चरण सिंह विवि के कुलपति प्रो. एनके तनेजा का।

नई शिक्षा नीति के कैबिनेट में पास होने के बाद उन्होंने बताया विवि में एमफिल का पाठ्यक्रम संचालित है, उसे वह 2015 से कहते आए हैं कि इसका कोई मतलब नहीं है। एमफिल न तो पीएचडी है और नहीं एमए। इसे बंद करना उच्च शिक्षा के हित में है।

उच्च शिक्षा में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम भी छात्रों के लिए उपयोगी होगा। चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में अध्ययन करने वाला छात्र अगर बीच में पढ़ाई छोड़ भी देता है तो उसे सर्टिफिकेट या डिप्लोमा मिलेगा। उच्च शिक्षा में ड्राप आउट की समस्या इससे दूर होगी। प्रो. तनेजा ने बताया कि शोध क्षेत्र में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना के माध्यम से शोध को बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय भाषाओं, कलाओं और संस्कृत का समावेश सराहनीय है। चार वर्षीय अभिनव पाठ्यक्रम जिसके साथ शोध के अंकित होगा। विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के हिसाब से खुद में बदलाव कर उच्च शिक्षा में एक श्रेष्ठ संस्थान बनने की कोशिश करेगा।

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