गाजियाबाद में अब चार रूटों पर दौड़ेंगे रोपवे, मिलेगी मेट्रो ट्रैन रोपवे से उतरते ही, कमिश्नर ने दी प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक सहमति

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गाजियाबाद में अब चार रूटों पर दौड़ेंगे रोपवे, मिलेगी मेट्रो ट्रैन रोपवे से उतरते ही, कमिश्नर ने दी प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक सहमति

हिल स्टेशनों की तर्ज पर अब दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक नहीं बल्कि चार रूटों पर रोपवे चलेंगे। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मेरठ मंडल के आयुक्त सुरेंद्र सिंह ने इस पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। हालांकि उन्होंने एक शर्त रखी है कि सभी रूटों पर फिजिबिलिटी स्पष्ट होनी चाहिए। इसका मतलब है कि रोपवे परियोजना आर्थिक रूप से भी सफल होनी चाहिए, इसके लिए पूरी तैयारी की जानी चाहिए।Read Also:-प्रचंड गर्मी बनी आफत : दुनियां के 15 सबसे गर्म शहरों में से 8 शहर भारत के, दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का यह जिला रहा

रोपवे का निर्माण और खर्च नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) द्वारा किया जाएगा। सामान्य यात्रा के लिए रोपवे सुविधा वाला गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का पहला शहर होगा। इससे शहर में जाम की समस्या भी काफी हद तक दूर होने की संभावना है।

सभी चार रोपवे स्टेशन रेलवे स्टेशनों से जुड़ेंगे
आपको बता दें कि अब तक गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने वैशाली मेट्रो स्टेशन से मोहननगर तक 480 करोड़ रुपये का रोपवे प्रोजेक्ट तैयार कर सरकार को भेजा था। हालांकि, वह बात अलग है कि अभी तक इस परियोजना पर सरकार की ओर से एक भी रुपया नहीं मिला है। इस प्रोजेक्ट के अलावा जीडीए ने कमिश्नर को न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन, वैशाली मेट्रो स्टेशन से नोएडा सेक्टर-62 मेट्रो स्टेशन, राजनगर एक्सटेंशन स्क्वायर, मेरठ रोड से हिंडन रिवर मेट्रो स्टेशन तक तीन और रूट चलाने का प्रस्ताव दिया। शनिवार को मेरठ में हुई जीडीए बोर्ड की बैठक में आयुक्त ने इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

मास्टर प्लान-2031 की मंजूरी,
कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने गाजियाबाद के मास्टर प्लान-2031 को भी मंजूरी दे दी है। नए मास्टर प्लान में गाजियाबाद-डासना, मोदीनगर-मुरादनगर और लोनी में 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया है। 35 हजार हेक्टेयर का अधिकतम क्षेत्रफल गाजियाबाद और डासना में शामिल है। डासना के पास एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इसके पास गोदाम और लॉजिस्टिक हब स्थापित किया जाएगा।

ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण डासना क्षेत्र में ही होने की उम्मीद है, जिसके लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के साथ जमीन पहले ही निर्धारित की जा चुकी है। वहीं मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी में 80 हेक्टेयर भूमि का भूमि उपयोग कृषि से आवासीय में बदला जाएगा। फिलहाल पीएम आवास समेत कई योजनाएं कृषि भूमि के भूमि उपयोग में बदलाव नहीं होने से अटकी हुई हैं। हालांकि फिलहाल नए मास्टर प्लान पर आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे, जिसके निस्तारण के बाद आगे की बातें स्पष्ट होंगी।

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