कोर्ट ने सुशीला जसवंत राय मेटरनिटी हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी की चेयरपर्सन की शिकायत पर मैनेजमेंट कमेटी पर धोखाधड़ी समेत बाकी धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इस मामले में पिछले साल पुलिस से शिकायत की गई थी, लेकिन दबाव के कारण एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद चेयरपर्सन शीला गुप्ता की ओर से कोर्ट में वाद दायर किया गया था, जिस पर कोर्ट ने अब मुकदमे का आदेश किया है, साथ ही तीन दिन में कोर्ट को मुकदमा दर्ज कर सूचना देने को कहा है।
सुशीला जसवंत राय मेटरनिटी हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी की चेयरपर्सन शीला गुप्ता के वकील रामकुमार शर्मा ने बताया कि शीला गुप्ता की उम्र करीब 90 साल है। वह जसवंत राय चूड़ामणि प्लस सोसाइटी की ट्रस्टी हैं। इस ट्रस्ट द्वारा सुशीला जसवंत राय मेटरनिटी हॉस्पिटल संचालित किया जा रहा है। पिछले कई साल से शीला गुप्ता इस ट्रस्ट की चेयरपर्सन रही हैं।
आरोप है कि इस मामले की वादी शीला गुप्ता को 15 दिसंबर 2019 को डाक द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने एक वार्षिक जनरल मीटिंग का संचालन किया है। जानकारी पर पता चला कि ट्रस्ट के सदस्यों ने आपस में साज करके एक षड्यंत्र के तहत ट्रस्ट की मीटिंग की कार्रवाई की और मीटिंग में फर्जी एवं गलत तरीके से शीला गुप्ता की उपस्थिति दिखाते हुए उनको सुशीला जसवंत राय हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी से असंवैधानिक तरीके से हटा दिया। शीला गुप्ता की बेटी नूतन गुप्ता जो मैनेजमेंट कमेटी में सचिव के पद पर कार्यरत थी, उनको भी बिना किसी सूचना-नोटिस के हटा दिया गया। इसके बाद मैनेजमेंट कमेटी के इन लोगों ने मीटिंग में शीला गुप्ता के फर्जी हस्ताक्षर बनाए और उसकी एक कॉपी डिप्टी रजिस्ट्रार को भेज दी।